एक डॉक्टर की दोहरी जिंदगी, सेवा से साजिश तक का सफर, नौकरी छोड़ डॉ. शाहीन ऐसे बन गई जैश-ए-मोहम्मद की रिक्रूटर

दिल्ली कार ब्लास्ट केस और फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल मामले में लखनऊ की रहने वाली डॉक्टर शाहीन सईद को भी गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है वह कभी मरीजों की सेवा करने का सपना देखती थी. लेकिन इस बीच जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की रिक्रूटर बन गई और अब उसकी महिलाओं की विंग 'जमात-उल-मोमिनात' की भारत प्रमुख के रूप में गिरफ्तार हुई है.

दिल्ली ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार डॉ. शाहीन कैसे बनी JEM की रिक्रूटर

दिल्ली में लाल किले के पास रविवार शाम यानी 10 नवंबर की शाम को हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस धमाके में 09 की मौत और 20 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर आई थी. यह ब्लास्ट ‘व्हाइट-कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल का कमांड था, जो जम्मू-कश्मीर से हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था.

‘व्हाइट-कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल की इस साजिश के केंद्र में है एक पढ़ी-लिखी महिला डॉक्टर डॉ. शाहीन सईद. लखनऊ की रहने वाली शाहीन, जो कभी मरीजों की सेवा का सपना देखती थी, आज जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की महिलाओं की विंग ‘जमात-उल-मोमिनात’ की भारत प्रमुख के रूप में गिरफ्तार हुई है. फरीदाबाद से पकड़ी गई शाहीन की कहानी रोंगटे खड़े कर देने वाली है. एक छात्रा से रेडिकलाइज्ड रिक्रूटर तक का सफर.

पढ़ाई में मेधावी, लेकिन नौकरी छोड़ गायब हो गई शाहीन

शाहीन सईद का जन्म 1979 में लखनऊ में हुआ. लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट पास करने वाली शाहीन पढ़ाई में हमेशा टॉपर रहीं. उनके पिता सईद अंसारी बताते हैं, “बेटी शुरू से डॉक्टर बनना चाहती थी. मां की बीमारी के दौरान डॉक्टरों को देखकर वह इतनी प्रभावित हुई कि यही फैसला लिया.” कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से 2003 में एमबीबीएस और 2005 में फार्माकोलॉजी में एमडी करने के बाद शाहीन का चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में हुआ.

अगस्त 2006 में वह जीएसवीएम के फार्माकोलॉजी विभाग में प्रवक्ता के रूप में जॉइन हुईं. लेकिन 2009-10 में कन्नौज मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर होने के बाद भी वह जीएसवीएम लौट आईं. सात साल तक काम करने के बाद शाहीन 2013 में अचानक बिना सूचना के गायब हो गईं. कॉलेज ने बार-बार नोटिस भेजे, लेकिन कोई जवाब नहीं. आखिरकार 2021 में शासन ने उन्हें बर्खास्त कर दिया. बर्खास्तगी के बाद शाहीन ने अनुभव प्रमाणपत्र के लिए प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें उनका पता डॉ. परवेज सईद (उनका भाई) के नाम से इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ दिया था.

जिंदगी में उथल-पुथल: तलाक और सहारनपुर कनेक्शन

शाहीन की निजी जिंदगी भी उतनी ही जटिल थी. नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. हयात जफर से शादी हुई, जो पीएमएस के डॉक्टर हैं. लेकिन 2015 में दोनों का तलाक हो गया. तलाक के बाद शाहीन दिल्ली में कुछ समय काम कर चुकीं. फिर फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ीं, जहां वह डॉ. मुजम्मिल गनाई और डॉ. उमर नबी जैसे संदिग्धों से मिलीं.

जांच में सामने आया कि शाहीन का सहारनपुर कनेक्शन भी गहरा था. वहां परवेज का क्लीनिक था, और 6 नवंबर को जे-के पुलिस ने सहारनपुर के अंबाला रोड अस्पताल से डॉ. आदिल अहमद को गिरफ्तार किया. आदिल के पकड़े जाने पर मुजम्मिल का नाम आया, जिसने शाहीन का जिक्र किया. खुफिया एजेंसियां अब शाहीन और परवेज के JeM लिंक्स की जांच कर रही हैं. परवेज फरीदाबाद गिरफ्तारियों के बाद फरार है, और उसके घर से बरामद दस्तावेजों में आतंकी फंडिंग के सुराग मिले हैं.

JeM की ‘महिला कमांडर’: रेडिकलाइजेशन का खौफनाक चेहरा

दिल्ली पुलिस और जे-के एटीएस के अनुसार, शाहीन JeM प्रमुख मसूद अजहर की बहन सादिया अब्बास (उर्फ साहिदा) के सीधे संपर्क में थीं. अक्टूबर में JeM ने पहली बार ‘जमात-उल-मोमिनात’ नाम से महिलाओं की विंग बनाई, और शाहीन को भारत में इसका हेड बनाया गया. उसका काम था महिलाओं को रेडिकलाइज करना, भर्ती करना और लॉजिस्टिक सपोर्ट देना. फरीदाबाद मॉड्यूल में शाहीन ने फंड्स जुटाए, हथियार छिपाए. जांच में पता चला कि दो साल से 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट, आरडीएक्स, एके-47 राइफलें और पिस्टलें इकट्ठा की जा रही थीं.

11 नवंबर को शाहीन की गिरफ्तारी के बाद उसके मारुति स्विफ्ट कार से असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ. वह राइफल को डस्टबिन में फेंकने की कोशिश कर रही थी. मॉड्यूल के आठ आरोपी डॉक्टर हैं, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े. डॉ. उमर नबी को ब्लास्ट में सुसाइड बॉम्बर माना जा रहा है. वह कार चला रहा था जब धमाका हुआ. मुजम्मिल गनाई के किराए के फ्लैट्स से विस्फोटक बरामद हुए. पुलवामा अटैक से भी लिंक उजागर हो रहा है. शाहीन ने सोशल मीडिया के गुप्त चैनलों से भी पाकिस्तान हैंडलर्स से संपर्क रखा.

महाराष्ट्र से झारखंड तक बढ़ा जांच का दायरा

एनआईए और एफएसएल की टीम दिल्ली ब्लास्ट की फॉरेंसिक जांच कर रही है. अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल और डेटोनेटर्स से लदी कार रेड फोर्ट मेट्रो गेट नंबर 1 पर रुकी थी. सीसीटीवी में जो संदिग्ध दिखा था, जो उमर हो सकता है. शाहीन के महाराष्ट्र कनेक्शन की भी जांच हो रही. तलाक से पहले वहां रह चुकी थीं. लखनऊ में उसके भाई परवेज के घर पर छापेमारी हुई, जहां हार्ड ड्राइव से डेटा बरामद हुआ. जम्मू-कश्मीर में 20 से ज्यादा लोग पूछताछ में हैं. सहारनपुर, गुरुग्राम और फरीदाबाद में सर्च ऑपरेशन जारी.

सेवा से लेकर आतंकी नेटवर्क तक की सफर

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे देश में अलर्ट जारी किया है. शाहीन की गिरफ्तारी ने साबित कर दिया कि आतंकवाद अब पढ़े-लिखे चेहरों के पीछे छिपा है. एक डॉक्टर, जो कभी मां की बीमारी से प्रेरित होकर सेवा का रास्ता चुना, आज राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन गई. खुफिया एजेंसियां अब उसके पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी हैं . उसके घर के आसपास के लोग हैरान हैं. उनका कहना है कि शाहीन सरल स्वभाव की थी, सेवा करना चाहती थी. पता नहीं कैसे आतंकी नेटवर्क में फंस गई. शायद माइंडवॉश हो गया.