घर पैसा नहीं भेज रहे थे इंस्पेक्टर, महिला सिपाही पर कर रहे थे सारा खर्च, दरोगा की मौत में बड़ा खुलासा

जालौन में दरोगा अरुण राय की मौत के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक इंस्पेक्टर पिछले तीन महीनों से घर पर पैसा नहीं भेज रहे थे. वह सारा खर्च मीनाक्षी पर कर रहे थे. इससे इंस्पेक्टर के परिवार में भी आर्थिक व मानसिक तनाव बढ़ गया था.

दरोगा की मौत में बड़ा खुलासा Image Credit:

जालौन के कुठौंद थाने के इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की मौत के मामले में कई नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं. विभाग के सूत्रों के मुताबिक इंस्पेक्टर और महिला आरक्षी मीनाक्षी शर्मा के बीच विवाद की शुरुआत 2 दिसंबर से हुई. उस दौरान मीनाक्षी मेरठ में अपना जन्मदिन मना रही थी.

जानकारी के मुताबिक जब मीनाक्षी ने जन्मदिन समारोह की तस्वीरें व्हाट्सऐप स्टेटस पर लगाई तो उसे देखकर इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय नाराज हो गए. इंस्पेक्टर चाहते थे कि मीनाक्षी अपना जन्मदिन उनके साथ मनाती. इसपर दोनों के बीच कहा–सुनी शुरू हो गई. फिर अगले 3 दिनों तक दोनों के बीच विवाद और मान मनौव्वल व्हाट्सऐप कॉल, वीडियो कॉल और मैसेजिंग पर चलता रहा.

5 दिसंबर की रात ऐसा क्या हुआ?

मीनाक्षी 5 दिसंबर शुक्रवार की रात मेरठ से सिपाही अंकित के साथ जालौन लौटी. इसके बाद भी दरोगा अरुण राय और मीनाक्षी के बीच विवाद चलता रहा और इंस्पेक्टर से तीखी बहस हुई. कुठौंद पहुंचकर वह सीधे इंस्पेक्टर के सरकारी आवास पहुंची, जहां पहले से ही तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था. इंस्पेक्टर ने बातचीत के दौरान आवेश में खुद को गोली मारने की बात कही. इस पर मीनाक्षी ने तैश में जवाब देते हुए कहा धमकी मत दो, अगर मारनी है तो गोली मार लो.

इसी दौरान इंस्पेक्टर ने सर्विस पिस्टल उठाई और खुद को गोली मार ली. घटना के बाद घबराई मीनाक्षी आवास से बाहर निकली और चीखते हुए बोली कि साहब ने खुद को गोली मार ली. इसके बाद वह अपने परिचितों को फोन कर उरई के लिए निकल गई.

घर पर पैसा नहीं भेज रहे थे दरोगा अरुण राय

सूत्रों का दावा है कि इंस्पेक्टर पिछले तीन महीनों से घर पर पैसा नहीं भेज रहे थे. वह सारा खर्च मीनाक्षी पर कर रहे थे. इससे इंस्पेक्टर के परिवार में भी आर्थिक व मानसिक तनाव बढ़ गया था.

कॉल डिटेल्स और चैट्स होंगे निर्णायक

सीओ जालौन शैलेंद्र कुमार बाजपेई की निगरानी में एसआईटी जांच शुरू कर हो चुकीहै. कॉल डिटेल्स, चैट रिकवरी और जब्त डिजिटल डिवाइसेज़ इस केस की दिशा तय करेंगे. एसपी डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है. रिपोर्ट मिलते ही सीन रिक्रिएशन कराया जाएगा.

जेल में पहली रात बेचैन रही मीनाक्षी शर्मा

हत्या के मामले में नामजद होने और कोर्ट में पेशी के बाद मीनाक्षी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. उसे उरई जिला कारागार की महिला बैरक में 27 अन्य महिला बंदियों के साथ रखा गया है. जेल सूत्रों के अनुसार पहली रात मीनाक्षी बेहद बेचैन दिखी. रात को उसे दाल–सब्जी और रोटी दी गई, लेकिन उसने सिर्फ डेढ़ रोटी खाई. कंबल मिलने के बावजूद वह देर रात तक करवटें बदलती रही. कई बार उठकर बैठी, लेकिन किसी से बातचीत की हिम्मत नहीं जुटा सकी. चेहरे पर घबराहट नहीं, लेकिन अंदरूनी बेचैनी साफ दिख रही थी.