NRC के पेपर मांगते गायब हो गए 160 सफाई कर्मचारी, लखनऊ नगर निगम में मचा हड़कंप
लखनऊ में NRC दस्तावेज मांगे जाने पर 160 सफाई कर्मचारी रातोंरात गायब हो गए हैं. इन सभी कर्मचारियों ने अपने फोन भी बंद कर लिए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान के आदेश पर नगर निगम ने कर्मचारियों से दस्तावेज मांगे थे. इस कार्रवाई के बाद शहर में हड़कंप मच गया है. ऐसे में नगर निगम इन कर्मचारियों की सूची पुलिस को भेजने वाला है.
उत्तर प्रदेश में बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के पहचान के लिए शुरू अभियान के बाद राजधानी लखनऊ में हड़कंप मच गया है. यहां नगर निगम के अधीन काम कर रहे 160 सफाई कर्मचारी रातोंरात गायब हो गए हैं. इन सभी कर्मचारियों से नगर निगम ने NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के दस्तावेज मांगे थे. इन सभी कर्मचारियों को संबंधित दस्तावेज जमा करने के लिए 7 दिन का समय दिया गया था, लेकिन पहले ही दिन ये सभी काम छोड़कर भूमिगत हो गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए गए ‘शहर से हर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए की पहचान कर बाहर निकालो’ अभियान के तहत एजेंसियां एक्टिव हो गई हैं.
इसी क्रम में लखनऊ नगर निगम ने अपने सफाई कर्मचारियों की जांच पड़ताल शुरू की है. निगम अधिकारियों ने इन सभी कर्मचारियों से आधार-पैन के साथ NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के दस्तावेज जमा करने को कहा था. इसके बाद से ही 160 से अधिक सफाई कर्मचारी संदिग्ध परिस्थिति में नौकरी छोड़कर गायब हो गए हैं. इन सभी कर्मचारियों को नगर निगम ने पिछले महीने उनकी आउटसोर्सिंग कंपनी लखनऊ स्वच्छता अभियान प्राइवेट लिमिटेड (LSA) के जरिए नोटिस दिया था.
पुलिस को भेजी जा रही इन कर्मचारियों की लिस्ट
LSA प्रबंधन के मुताबिक कुल 3,200 कर्मचारी काम पर लगे हैं. इन सभी से NRC के पेपर मांगे थे. इसके बाद से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन वाले 125 कर्मचारी और सड़क-नाली सफाई करने वाले करीब 35 कर्मचारी गायब हो गए हैं. इन सभी के फोन भी बंद हैं. LSA ने इसकी रिपोर्ट नगर निगम को सौंप दी है. वहीं नगर निगम से इन सभी कर्मचारियों की लिस्ट पुलिस को भेजी जा रही है. बताया जा रहा है कि इन 3,200 कर्मचारियों में करीब 1,400 कर्मचारी असम के रहने वाले हैं. इनमें भी ज्यादातर कछार, हैलाकांडी, करीमगंज जैसे बॉर्डर जिलों के हैं. वहीं 150 से ज्यादा कर्मचारी पश्चिम बंगाल के हैं. बताया जा रहा है कि जिन कर्मचारियों ने अपने दस्तावेज दिए भी हैं तो उनमें कइयों के दस्तावेज संदिग्ध लग रहे हैं.
लॉयन एनवायरो ने नहीं दी कर्मचारियों की डिटेल
शहर के जोन तीन में काम करने वाली दूसरी बड़ी कंपनी लॉयन एनवायरो ने करीब 1,000 सफाई कर्मचारी हॉयर किए हैं. इस कंपनी को भी नगर निगम ने नवंबर में ही कर्मचारियों को लिस्ट देने को कहा था. इसके लिए एक हफ्ते का समय दिया गया था, लेकिन अब तक इस कंपनी ने एक भी कर्मचारी की डिटेल नहीं दी है. ऐसे में नगर निगम ने अब 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. इसके बाद भी डिटेल नहीं मिलने पर ठेका रद्द कर दिया जाएगा. उधर, नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने सभी 8 जोनल अधिकारियों को आउटसोर्सिंग के जरिए रखे गए हरेक कर्मचारी का पुलिस वेरिफिकेशन कराने को कहा है.
पिछले साल हुआ था बड़ा बवाल
बीते साल 29 दिसंबर 2024 को इंदिरानगर के चांदन गांव में बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर बड़ा बवाल हुआ था. उस समय मेयर सुषमा खर्कवाल ने जांच और कार्रवाई का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ. इस बार चूंकि सीधे मुख्यमंत्री ने आदेश जारी किया है, इसलिए प्रशासन भी पीछे हटने के मूड में नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार कार्रवाई पक्की है. अब देखना यह है कि बाकी बचे 8,000 सफाई कर्मचारियों की जांच पूरी होने पर कितने और लोग गायब हो जाते हैं.