लखनऊ में छिपी मिली 50 हजार की इनामी ‘ठगनी’, सैकड़ों लोगों से की करोड़ों की ठगी; STF ने ऐसे किया अरेस्ट
उत्तर प्रदेश में करोड़ों की ठगी करने वाली इनामी जालसाज प्रियंका सिंह को आखिरकार यूपी एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. यह 'ठगनी' लोगों को जेकेवी लैंड एंड डेवलपर्स में निवेश के नाम पर और 12-15% रिटर्न का लालच देकर एफडी कराती थी. 2011 से 2019 तक इसने सैकड़ों लोगों को चूना लगाया, जिसके बाद पूर्वांचल समेत कई जिलों में उस पर दर्जन भर से अधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं.
उत्तर प्रदेश में ठगी का जाल बिछाकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी के बाद फरार चल रही ठगनी प्रियंका सिंह को आखिरकार यूपी एसटीएफ की टीम ने दबोच लिया. 50 हजार रुपये की इनामी शातिर जालसाज प्रियंका यहां पीजीआई क्षेत्र के सौभाग्यम अपार्टमेंट स्थित फ्लैट में छिपकर रह रही थी. खुफिया इनपुट के आधार पर यूपी एसटीएफ की टीम ने इस अपार्टमेंट के 12वें फ्लोर पर दबिश दी तो हड़कंप मच गया, लेकिन जैसे ही पुलिस टीम इस ठगनी को लेकर बाहर निकली और लोगों को पूरी कहानी पता चली, लोग हैरान रह गए.
उन्हें तो पता ही नहीं था कि इतने बड़े एफडी घोटाले की मास्टर माइंड उन लोगों के बीच में ऐसे रह रही है. इस ठगनी के खिलाफ साल 2019 में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके बाद तो इसके खिलाफ पूरे पूर्वांचल में एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हो गए. अब इस शातिर जालसाज के पकड़े जाने के बाद इन सभी मुकदमों को ना केवल नई दिशा मिली है, बल्कि ठगी के जाल को उजागर करने का रास्ता भी खुल गया है.
बॉलीवुड फिल्म जैसी कहानी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस शातिर जालसाज ने लोगों को झांसा दिया कि इसकी कंपनी जेकेवी लैंड एंड डेवलपर्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में एफडी कराने पर 12 से 15 प्रतिशत तक रिर्टन मिलेगा. इतना बढिया रिटर्न मिलने की बात सुनकर लोग इसके झांसे में आते चले गए. इसके बाद तो इसने सैकड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई अपनी कंपनी में जमा करा ली और पहले ललितपुर का आफिस बंद किया और फिर खुद अपने साथियों के साथ मोबाइल फोन बंद कर फरार हो गई. पुलिस के मुताबिक इस जालसाज ने साल 2011 से लेकर 2019 तक लोगों को बेवकूफ बनाकर ठगी की है.
पुलिस को देखते बदल गए चेहरे के भाव
पुलिस की दबिश के दौरान प्रियंका अपने फ्लैट में सामान्य कपड़ों में थी और बड़े आराम से उसने दरवाजा भी खोला. लेकिन सामने जैसे ही उसने पुलिस टीम को देखा तो उसके चेहरे के भाव बदल गए. उसे आभास हो गया कि अब उसका खेल खत्म हो चुका है. पुलिस की पूछताछ में उसने बताया कि साल 2011 में उसने अपने पति राजेश कुमार सिंह, दुर्गेश जायसवाल और विक्रांत त्रिपाठी के साथ मिलकर जेकेवी लैंड एंड डेवलपर्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की थी. कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस लखनऊ के हजरतगंज स्थित महात्मा गांधी मार्ग पर बनाया, वहीं एक ब्रांच ऑफिस ललितपुर में शुरू किया था. इस कंपनी में इसने दीपक शुक्ला और आशीष श्रीवास्तव को डायरेक्टर बनाया था, वहीं खुद बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर बैठती थी.
इन जिलों में की ठगी
प्रियंका ने पुलिस को बताया कि उसने केवल ललितपुर और लखनऊ ही नहीं, आजमगढ़, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, संत रविदास नगर, मऊ, महोबा आदि जिलों में अपने नेटवर्क का जाल बिछाया था और इन सभी जिलों में लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी को अंजाम दिया है. इस मामले में पुलिस ने इसी साल 29 जून 2025 को कंपनी के डायरेक्टर आशीष श्रीवास्तव को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया था. इसके बाद डीआईजी झांसी ने प्रियंका पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था.
