महिला अफसर का भोपाल में यौन शोषण, नोएडा में GST के DC रहे पंकज कुमार बर्खास्त; एक्शन में क्यों लग गए 7 साल?

नोएडा में जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर रहे आईआरएस पंकज कुमार को एक महिला अफसर के यौन शोषण के आरोप में 7 साल बाद बर्खास्त कर दिया गया है. यह मामला 2018 का है जब पंकज कुमार ने भोपाल के एक होटल में महिला अफसर का यौन उत्पीड़न किया था. जांच के बाद लंबे समय तक अनुपस्थित रहने और दोषी पाए जाने पर यह कड़ी कार्रवाई की गई है.

जीएसटी भवन, उत्तर प्रदेश Image Credit:

उत्तर प्रदेश के नोएडा में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के डिप्टी कमिश्नर रहे आईआरएस पंकज कुमार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. झांसी में तैनाती के दौरान एक महिला अफसर को भोपाल के होटल में बुलाकर यौन उत्पीड़न के मामले में उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है. इससे पहले उनके खिलाफ इसी मामले में भोपाल पुलिस ने रेप और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भी भेजा था. आईआरएस उसी समय से विभाग की अनुमति के बिना गैर हाजिर चल रहे थे. इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच के बाद उन्हें बर्खास्त किया है.

जानकारी के मुताबिक साल 2018 में आईआरएस पंकज कुमार झांसी में तैनात थे. आरोप है कि उस समय उन्होंने एक महिला अफसर को विभागीय काम की आड़ में भोपाल बुलाया और जहांनुमा पैलेस होटल में इस महिला अफसर के साथ यौन उत्पीड़न किया. इस दौरान महिला अफसर ने विरोध करने की कोशिश की तो आरोपी आईआरएस अफसर ने गाली-गलौज और मारपीट की. इस संबंध में पीड़ित महिला अधिकारी ने भोपाल के कमलानगर थाने में संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.

इसलिए हुई बर्खास्तगी

इस मामले में भोपाल पुलिस ने आईआरएस पंकज कुमार को उसी दिन अरेस्ट किया था. इसके बाद उन्हें जेल भी भेजा गया था. उसके बाद से ही पंकज कुमार ऑफिस नहीं आ रहे थे. 6 अगस्त 2018 के बाद से उनकी लगातार गैरहाजिरी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उन्हें निलंबित कर जांच बैठा दी थी. वहीं जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है. आईआरएस पंकज कुमार ने मामले की जांच के बाद शासन को 27 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी है. इसमें उन्हें ना केवल यौन उत्पीड़न का दोषी माना गया है, बल्कि बर्खास्तगी के लिए उनकी गैरहाजिरी और गिरफ्तारी को भी आधार बनाया गया है.

पीड़िता ने छोड़ दी थी नौकरी

जानकारी के मुताबिक भोपाल में हुई इस घटना के बाद झांसी लौटी महिला अफसर ने नौकरी से रिजाइन कर दिया था. वहीं सरकार ने उसी समय आईआरएस पंकज कुमार का भी ट्रांसफर नोएडा कर दिया था. बिना सूचना के गैरहाजिर रहे पंकज कुमार जांच कमेटी के सामने हाजिर हुए थे. उन्होंने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए तमाम तर्क भी दिए, लेकिन जांच कमेटी ने उनके सभी तर्कों को अधारहीन माना. सभी आरोपों की जांच के बाद कमेटी ने सरकार को भेजी संस्तुति में लिखा कि पंकज कुमार सेवा के लिए अयोग्य हैं. 37 पन्ने की इस रिपोर्ट को देखने के बाद सरकार ने उन्हें सरकारी सेवा से बाहर कर दिया है.