कश्मीरी लड़कियों के जरिए हनीट्रैप का खेल, एक साल तक रहा लापता, डॉक्टर आदिल अहमद पर खतरनाक खुलासे

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल और दिल्ली ब्लास्ट केस के मामले में गिरफ्तार किए गए डॉ आदिल अहमद 2023-2024 तक तकरीबन एक साल गायब रहा. इसके अलावा वह जब सहारनपुर में डॉक्टरी कर रहा था तो अन्य चिकित्सकों को हनीट्रैप के जरिए ब्लैकमेल भी करता था.

आतंकी डॉ आदिल अहमद Image Credit:

सहारनपुर से गिरफ्तार किए गए डॉक्टर आदिल अहमद की गतिविधियों को लेकर जांच एजेंसियों की पूछताछ में लगातार खुलासे हो रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक आदिल पूरे एक साल 2023 से 2024 के बीच लापता रहा था. वह किसी के भी संपर्क में नहीं था. घरवालों को भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इस दौरान वह नौकरी भी नहीं कर रहा था.

अब जांच एजेंसियां इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि उस एक साल के दौरान आदिल ने किन लोगों से संपर्क किया और किन जगहों पर रहा. जांच में यह भी सामने आया कि अदील इस अवधि में चीन और तुर्किये गया था. उसके पास मिले यात्रा दस्तावेज और टिकट अब एजेंसियों के कब्जे में हैं.

आदिल के पास मिले 8 बैंक अकाउंट

छापे में आदिल के पास से 14 मोबाइल फोन. आठ बैंक अकाउंट और करोड़ों रुपये के लेन-देन का रिकॉर्ड मिला है. इनमें से एक अकाउंट सहारनपुर में, जबकि सात खाते जम्मू-कश्मीर में संचालित किए जा रहे थे. जांच से यह भी पाया गया कि आदिल केवल अपने खातों में ही नहीं बल्कि भाई और अन्य रिश्तेदारों के अकाउंट में भी नियमित रूप से रकम मंगवाता रहा.

सहारनपुर को डॉक्टरों को करता था ब्लैकमेल

जांच एजेंसियों को यह इनपुट भी मिला कि आदिल सहारनपुर के कुछ चिकित्सकों पर दबाव बनाता था और कश्मीरी युवतियों के माध्यम से उन्हें ब्लैकमेल करता था. वहीं, फेमस मेडिकेयर अस्पताल में वह कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर से आने वाले कुछ संदिग्ध मरीजों का इलाज भी करता था.

आदिल के घर पर मिला दिल्ली फ्लाइट का टिकट

आदिल किराए के घर के बाहर पड़े कचरे में से 31 अक्टूबर की श्रीनगर–दिल्ली की फ्लाइट का टिकट मिला है. यह वही टिकट है जो उसे दिल्ली ब्लास्ट से करीब 10 दिन पहले राजधानी ले गया था. वह दिल्ली से सहारनपुर कैसे लौटा यह भी जांच का हिस्सा है.

डॉ. बाबर और डॉ. असलम जैदी से भी पूछताछ

गुरुवार को जम्मू–कश्मीर पुलिस की स्पेशल सेल और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की टीम सहारनपुर पहुंची और फेमस मेडिकेयर अस्पताल में करीब पांच घंटे की तलाशी ली. जांच एजेंसियों ने पूछताछ में डॉ. बाबर और डॉ. असलम जैदी से भी कई सवाल किए गए. ये दोनों डॉ अदिल की शादी में शामिल होने जम्मू कश्मीर गए थे. इन दोनों से घंटों तक पूछताछ हुई है.

इन पहलूओं पर की जा रही है जांच

जांच एजेंसियों ने अस्पताल की भर्ती और नियुक्ति रिकॉर्ड, वित्तीय लेन-देन, अस्पताल के संचालन से जुड़े ठेके और साझेदारी, अल-फलाह यूनिवर्सिटी से संभावित कनेक्शन, अस्पताल में आने-जाने वाले बाहरी व्यक्तियों की लिस्ट, अस्पताल में अलगाववादी लोगों की आवाजाही, अस्पताल के पास मस्जिद-मदरसे कितने जैसे अहम पहलूओं पर अपने पूछताछ को केंद्रित किया.

6 नवंबर को आदिल को किया गया था गिरफ्तार

बता दें कि 6 नवंबर को जब आदिल को गिरफ्त में लिया गया. शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि अनंतनाग में पढ़ाई और नौकरी के दौरान ही उसकी गतिविधियां संदिग्ध होने लगी थीं. एजेंसियों के अनुसार, वह उस समय भी अपने पास हथियार रखता था. इसी दौरान उसकी मुलाकात मौलवी इरफान से हुई, जिसके बाद उसे कथित रूप से जैश-ए-मोहम्मद से जोड़ दिया गया.

यूपी में ट्रेनिंग सेंटर तैयार करना चाहते थे आदिल और शाहीन

जांच अधिकारी के मुताबिक, अदील और डॉ. शाहीन का एक बड़ा प्लान था. वे उत्तर प्रदेश में आतंकी ट्रेनिंग सेंटर तैयार करने और स्थानीय स्तर पर स्लीपर सेल बनाना चाहते थे. इस प्लान के लिए डॉक्टर शाहीन ने अंबाला रोड पर लगभग 300 वर्ग गज का प्लॉट भी खरीदा था. योजना थी कि इस जगह पर अस्पताल खोलकर उसकी आड़ में ट्रेनिंग सेंटर चलाया जाए. जमीन कहां से, किस नाम पर और कब खरीदी गई. अब इसकी पुष्टि की जा रही है.

छुट्टियों में अक्सर देवबंद जाता था आदिल

आदिल छुट्टियों में अक्सर देवबंद जाता था. वह वहां किन व्यक्तियों से मिलता था, क्या चर्चाएं होती थीं. एजेंसियां इसपर भी जांच कर रही है. सूत्रों का दावा है कि वह कुछ स्लीपर सेल सक्रिय करने में सफल भी हो चुका था. इन संभावित सदस्यों की तलाश चल रही है.

इमरान मसूद से संबंध पर क्या बोले फेमस मेडिकेयर अस्पताल के प्रबंधक

IB और स्पेशल सेल की टीम ने फेमस मेडिकेयर अस्पताल के प्रबंधक मनोज मिश्रा से अस्पताल के संचालन और संभावित राजनीतिक कनेक्शन, विशेषकर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद से संबंध को लेकर सवाल किए. मनोज मिश्रा ने कहा कि अस्पताल पहले किसी और के पास था, उस समय किसी तरह की राजनीतिक निकटता रही हो तो ज्ञात नहीं. लेकिन वर्तमान में अस्पताल लीज पर है, और अब कोई भी राजनीतिक व्यक्ति संचालन में शामिल नहीं है.

अस्पताल से मेरा पहले भी कोई व्यावसायिक संबंध नहीं: इमरान मसूद

इमरान मसूद ने भी फोन पर यह स्पष्ट किया कि अस्पताल से मेरा पहले भी कोई व्यावसायिक संबंध नहीं था, न अब है. मालिक आरिफ मेरे मित्र हैं, इसके अलावा मेरा कोई संबंध नहीं है. जम्मू–कश्मीर की स्पेशल सेल और स्थानीय पुलिस पूछताछ पूरी होने पर अपनी रिपोर्ट NIA को सौंपेगी. इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी पूरे नेटवर्क और वित्तीय लेनदेन की अलग स्तर पर जांच करेगी.