सामने आएगा 1978 के दंगों का सच! तराजू में बांधकर लटकाए गए थे शव, अब खुलने जा रहा वो कुआं
संभल में 1978 के दंगों से जुड़ी यादें ताज़ा हुईं. 47 साल बाद एक प्राचीन कुआं खोला जा रहा है, जिसमें कथित तौर पर तराजू से बांधकर शवों को फेंका गया था. डीएम-एसपी की निगरानी में हो रही इस खुदाई से दंगे के भयावह इतिहास का सच सामने आने की उम्मीद है. प्रशासन स्थानीय दावों की गंभीरता से जांच कर रहा है.
उत्तर प्रदेश की धर्म नगरी संभल में 1978 के दंगे की धुंधली यादें एक फिर ताज़ा हो गई हैं. DM-SP की निगरानी में 47 साल बाद एक और कुआं खुलने जा रहा है. खुदाई के बाद मिले इस कुएं को खोलने का काम शुरू हो गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक 1878 के दंगों के दौरान मारे गए लोगों के शवों को तराजू में बांधकर इस कुएं में डाल दिया गया था. उसके बाद से ही यह कुआं मलबे से भर दिया गया था. वहीं ऊपर झाड़ियां उग आई थीं.
प्रशासन द्वारा की गई खुदाई के बाद इस कुएं का सच सामने आने लगा है. इसी के साथ कुएं को लेकर इलाके में हलचल तेज हो गई है. बता दें कि पिछले साल 24 नवंबर को हुए दंगे के बाद यहां लगातार एक के बाद एक प्राचीन धर्म स्थलों और बंद पड़े कुओं के मिलने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में प्रशासन ने एक और प्राचीन कुएं को ढूंढ निकाला है. प्रशासन ने इस कुएं की सफाई और खुदाई का काम तेज कर दिया है. इस काम की निगरानी खुद डीएम और एसपी कर रहे हैं.
सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में खुदाई
सदर कोतवाली थाना क्षेत्र में एकता पुलिस चौकी के पास स्थित 47 वर्षों से बंद पड़े इस प्राचीन कुएं का इतिहास फिर से खंगाला जा रहा है. डीएम के निर्देश पर खुद सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार और EO डॉ. मणिभूषण तिवारी मौके पर बैठकर खुदाई करा रहे हैं. खुदाई के हर चरण की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जा रही है. कुएं पर जमा मलबा, झाड़ियां और एक विशाल पेड़ इस खुदाई में बाधा बन रहे थे, लेकिन इन्हें हटाने के लिए प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया है.
लोगों का दावा-प्रशासन का जवाब
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह वही कुआं है, जिसमें 1978 के दंगे के दौरान व्यापारी राम शरण दास रस्तोगी समेत अन्य लोगों तराजू से बांधकर डाला गया था. इस मुद्दे को लेकर शासन प्रशासन में कई बार शिकायतें भी दी गई, लेकिन कभी गंभीरता से नहीं लिया गया. अब 24 नवंबर को संभल हिंसा के बाद DM-SP के निर्देश पर विशेष अभियान शुरू किया गया. इसी क्रम में टीम ने इस कुएं का भी निरीक्षण किया और अब इसकी खुदाई का काम शुरू किया गया है. सिटी मजिस्ट्रेट के मुताबिक कुएं की हकीकत खुदाई होने के बाद ही साफ हो सकेगी.
