सोनभद्र खदान हादसा: 21 दिन बाद नपे दो अधिकारी, खनन विभाग में हड़कंप; 7 मजदूरों की हुई थी मौत

सोनभद्र में हुए दर्दनाक खनन हादसे में 7 मजदूरों की मौत हुई थी. अब हादसे के 21 दिन बाद बड़ी कार्रवाई हुई है. खनन विभाग के दो प्रमुख अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. जबकि नए अधिकारियों की तैनाती की गई है. इस कार्रवाई से खनन विभाग में हड़कंप मच गया है.

सोनभद्र खनन हादसे में बड़ी कार्रवाई Image Credit:

सोनभद्र के बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में 15 नवंबर को भीषण हादसा हुआ था. खनन के दौरान खदान का एक हिस्सा ढह गया था. इसके मलबे में दबने से 7 मजदूरों की मौत हो गई थी. इस घटना ने सुरक्षा में लापरवाही और खनन क्षेत्र में अनियमितता को उजागर किया. इसको लेकर आलोचनाओं का दौर जारी था. वहीं, 21 दिनों बाद मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है.

पहली बार विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो प्रमुख अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है. जानकारी के अनुसार, खनन निरीक्षक मनोज कुमार और खनन सर्वेयर योगेश शुक्ला को उनके पदों से हटा दिया गया है. यह कदम उन सवालों के बीच बेहद अहम माना जा रहा है जो लगातार खनन क्षेत्र की सुरक्षा और प्रशासन की निगरानी पर उठते रहे हैं.

इन दो अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

स्थानीय लोगों का भी कहना था कि हादसे से पहले कई बार खतरे की आशंका जताई गई थी, लेकिन गंभीरता से नहीं लिया गया. डीजीएमएस के अधिकारियों ने भी माना था कि खदान में अवैध खनन हो रहा था. वहीं, दो अधिकारियों को हटाने के बाद नए लोगों की तैनाती की गई है. विभाग ने यह कार्रवाई करते हुए खनन व्यवस्था में बदलाव का संकेत दिया है.

प्रतापगढ़ से खनन निरीक्षक अतुल दूबे को सोनभद्र भेजा गया है. वहीं, गाज़ियाबाद से वरिष्ठ खनन सर्वेयर शिवकुमार को सोनभद्र ट्रांसफर किया गया है. इन दोनों अधिकारियों को जिले की खनन प्रणाली को सुरक्षित, पारदर्शी और नियमों के अनुरूप संचालित करने की जिम्मेदारी मिली है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में स्थिति का विस्तृत सर्वे कराया जाएगा.

देर से की गई कार्रवाई पर उठे सवाल

हादसे के बाद जिस तरह से प्रशासनिक गलियारों में चर्चाओं का माहौल था, यह कार्रवाई उसी का परिणाम मानी जा रही है. 21 दिन बाद विभाग अब लापरवाही को लेकर गंभीर है और जवाबदेही तय करने की दिशा में काम शुरू कर चुका है. हालांकि देर से की गई इस कार्रवाई ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं.

क्या यह कदम वास्तविक सुधार के लिए है या दबाव में उठाया गया निर्णय? क्या खनन क्षेत्र में वर्षों से चली आ रही अनियमितताएं सच में समाप्त होंगी? क्या मजदूरों की सुरक्षा अब सुनिश्चित हो पाएगी? आने वाले दिनों में इसका पता चल ही जाएगा. वहीं, इस कार्रवाई से खनन विभाग में हड़कंप मचा है.

रिपोर्ट- मोहित मिश्रा, टीवी9