वाराणसी पुलिस के ‘ऑपरेशन टॉर्च’ में मिले 500 संदिग्ध बांग्लादेशी-रोहिंग्या, डिटेंशन सेंटर भेजने की तैयारी
वाराणसी पुलिस ने 'ऑपरेशन टॉर्च' के तहत 500 से अधिक संदिग्ध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की पहचान की है. ये लोग स्वयं को असम और पश्चिम बंगाल का बता रहे हैं. पुलिस ने उन्हें पहचान साबित करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है. पहचान प्रमाणित न होने पर उन्हें डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा.
उत्तर प्रदेश के बनारस में बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्याओं के खिलाफ पुलिस ने ऑपरेशन टॉर्च शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने 500 से अधिक संदिग्धों की पहचान की है. इन सभी लोगों ने खुद को आसम और पश्चिम बंगाल निवासी बताया है. हालांकि पुलिस ने इन्हें अपनी पहचान और नागरिकता साबित करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है. इस अवधि में यदि ये लोग अपनी पहचान साबित नहीं कर पाते तो इन्हें डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा.
मंगलवार को पुलिस का ऑपरेशन टॉर्च पूरे शहर में एक साथ चला गया. इस दौरान अलग अलग इलाकों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक और रोहिंग्याओं की पहचान की गई. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के मुताबिक अबतक 500 से ज़्यादा संदिग्ध लोगों की पहचान की गई है. इन सभी लोगों को.मौके पर ही अपनी पहचान प्रमाणित करने के लिए कहा गया. इनमें से कुछ लोगों ने पुलिस को अपने पहचान पत्र दिखाए भी हैं. पुलिस अब इन सभी पहचान पत्रों का सत्यापन कर रही है. वहीं बाकी लोगों को एक हफ्ते का समय दिया गया है.
मूल स्थान से पहचान कर रही पुलिस
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक यहां चिन्हित किए गए सभी लोग खुद को असम और पश्चिम बंगाल के निवासी बता रहे हैं. इसलिए पुलिस की दो अलग अलग टीमें इनके मूल निवास से इनकी पहचान करने की कोशिश कर रही हैं. इसके अलावा यहां भी आस पास रहने वालों से इनके बरे में पूछताछ की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस एक सप्ताह की अवधि में इनकी पहचान प्रमाणित नहीं होने पर इन सभी को डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा.
सबसे ज्यादा वरुणा जोन में
पुलिस कमिश्नर के मुताबिक सर्वाधिक संदिग्ध लोग वरुणा जोन में पाए गए हैं. इनकी संख्या 200 से अधिक है. इसके अलावा गोमती जोन में 175 और काशी जोन में 150 से ज़्यादा संदिग्ध मिले हैं. उन्होंने बताया कि इन संदिग्धों के सत्यापन के क्रम में पुलिस यह भी पता करने की कोशिश कर रही है कि इन्हें यहां बसाने के पीछे कोई गिरोह तो नहीं है. यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ इनहें यहां बसाने के सबूत मिले तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई होगी.
