विध्वंस के दिन अखिलेश को याद आई ‘बाबरी’, डिंपल-जया संग पहुंचे फतेहपुर; दरगाह पर चढ़ाई चादर
बाबरी विध्वंस की बरसी पर अखिलेश यादव का फतेहपुर सीकरी स्थित सूफी संत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर जाना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. इसे 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. सोशल मीडिया पर भी इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जहां लोग अखिलेश की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं.
शनिवार को रामनगरी अयोध्या में बाबरी विध्वंस की वर्षी थी. इस घटना को भले ही सालों बीत चुके हैं, लेकिन अभी छह दिसंबर को कुछ लोग उस घटना की याद ताजा कर ही देते हैं. एक तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दिन को महत्वपूर्ण बताया. कहा कि आज के दिन विवादित ढांचा हटने की वजह से एक कलंक मिट गया था. वहीं दूसरी तरफ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इसी दिन फतेहपुर सीकरी जाकर सुफी संत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाया. इस मौके पर अखिलेश यादव के साथ उनकी सांसद पत्नी डिंपल यादव और जया बच्चन भी मौजूद थीं.
अखिलेश यादव ने इसकी तस्वीरें भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर की हैं. यह तस्वीरें अब वायरल हो रही हैं. लोग इसे राजनीति और मुस्लिम तुष्टिकरण से जोड़कर देख रहे हैं. कई लोग तो अखिलेश के सोशल मीडिया हैंडल पर लिख रहे हैं कि कम से कम आज के दिन राम मंदिर ही चले जाते. वहीं कुछ लोग तंज कस रहे हैं कि पिता ने कारसेवकों पर गोली चलवाई और बेटा इसकी वर्षी मनाने के लिए दरगाह पर चादर चढ़ा रहा है.
एतबार से सौहार्द तक
बाबरी विध्वंस की वर्षी पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सलीम चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाकर देश की तरक्की, अमन-चैन और आपसकी भाईचारे की दुआ मांगी. इसकी तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए कैप्शन दिया है ‘एतबार से सौहार्द तक’. इस दौरान अखिलेश ने बुलंद दरवाजा समेत अन्य ऐतिहासिक इमारतों का भी भ्रमण किया. वहीं मीडिया से बात करते हुए कहा कि फतेहपुर सीकरी हमारी मिली जुली संस्कृति की पहचान है. हम देश में सदियों से मिलजुल कर आपसी भाईचारे के साथ रहते आ रहे हैं.

लोगों ने सोशल मीडिया में दी ऐसी प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रही इन तस्वीरों पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा है कि कम से कम आज के दिन तो रुक जाते. फिर इस यूजर ने सलाह दी है कि आज आपको राम मंदिर जाना चाहिए था, लेकिन पहुंच गए सीकरी. एक अन्य यूजर ने लिखा कि यूपी का हिंदू सब देख रहा है और इस बार एक मुश्त वोट करेगा, देखते जाओ. इसी प्रकार बड़ी संख्या में लोगों ने अखिलेश यादव के दरगाह जाने पर चुटकी ली है.
मुलायम सिंह पर लगा गोली चलवाने का दाग
छह दिसंबर को जब विवादित ढांचा ढहाया गया, उस समय उत्तर प्रदेश में सीएम अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव थे. उस दौरान उनके ऊपर कारसेवकों पर गोली चलवाने का आरोप लगा था. चूंकि अखिलेश यादव भी अब तक राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या नहीं गए हैं. इससे गाहे बगाहे सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अब बाबरी विध्वंस के दिन अखिलेश ने दरगाह जाकर राजनीति को आग को हवा दे दी है. कहा जा रहा है कि इस संवेदनशील मौके पर अखिलेश ने दरगाह जाकर 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को साधने की कोशिश की है. उन्होंने ऐसा कर अपने कोर मुस्लिम वोट को अपने पक्ष में करने की कोशिश की है.
