26 June 2025
TV9 UP
अयोध्या धाम नगरी भगवान राम और माता सीता को लेकर विश्व प्रसिद्ध है. यहां सैकड़ों ऐसे मंदिर हैं जिसका उल्लेख सदियों पुराने ग्रंथों में मिलती है.
ऐसा ही एक मां छोटी देवकली का मंदिर है. यह अयोध्या धाम की सबसे प्राचीन शक्तिपीठ है. यहां सर्वमंगला पार्वती माता गौरी की पूजा होती है.
यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है. हजारों भक्त प्रतिदिन माता गौरी की पूजा करने आते हैं. यहां नवरात्रि में भक्तों की लंबी कतार लगती है.
मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व भी अद्वितीय है. मान्यता है कि मां देवकाली, माता सीता की कुल देवी के रूप में यहां विराजमान हैं.
ऐसी मान्यता है कि मां सीता जब जनकपुर से अपने ससुराल अयोध्या नगरी के लिए चलीं थी तो अपने कुल देवी माता गौरी की प्रतिमा को भी अपने साथ ले कर आई थी.
इसके बाद राजा महाराज दशरथ ने अयोध्या स्थित सप्तसागर के ईशान कोण पर माता गौरी की प्रतिमा को स्थापित कर भव्य मंदिर का निर्माण कराया था.
मां देवकाली मंदिर का जिक्र रूद्रयामल और स्कन्द पुराण में भी है. हालांकि, इस प्राचीन शक्तिपीठ पर मुगल आक्रांताओं ने दो बार आक्रमण किया था.
पहली बार इसका पुनर्निमाण महाराज पुष्यमित्र ने करवाया था और दूसरी बार बिन्दु सम्प्रदाय के महांत ने इस भव्य मंदिर के स्थान पर एक छोटी सी कोठरी बनवाया.
वही, चीनी यात्री ह्वेनसांग और फाहियान ने भी अपनी भारत यात्रा में इस मंदिर की प्रतिष्ठा, वैभव और विशेषता का उल्लेख किया है.