24 Aug 2025
TV9 UP
अधिकांश लोग जानते हैं कि उन्हें अधिक पानी पीना चाहिए, लेकिन एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि कम पानी पीने का एक अप्रत्याशित परिणाम यह हो सकता है.
कम पानी पीने से तनाव को संभालना काफी कठिन हो सकता है. स्टडी में पाया गया कि जो लोग प्रतिदिन 1.5 लीटर से कम पानी पीते हैं, उनमें ‘कोर्टिसोल’ का स्तर बढ़ जाता है.
‘कोर्टिसोल’ शरीर का प्राथमिक तनाव हार्मोन होता है. लंबे समय तक पानी की कमी से यह बढ़ जाता है. जिससे हृदय रोग, गुर्दे की समस्या और मधुमेह का खतरा हो सकता है.
‘जर्नल ऑफ एप्लाइड फिजियोलॉजी’ में प्रकाशित अध्ययन में यह स्पष्ट रूप से साबित हुआ है. दो समूहों पर यह परिक्षण किया गया, एक सप्ताह के बाद यह परिणाम सामने आने लगे.
एक सप्ताह तक इन पैटर्न को बनाए रखने के बाद, प्रतिभागियों को सार्वजनिक भाषण और मानसिक अंकगणित से संबंधित एक ‘प्रयोगशाला तनाव परीक्षण’ का सामना करना पड़ा.
यह मस्तिष्क की तनाव-प्रतिक्रिया प्रणाली को भी प्रभावित करता है, जिससे मुश्किल समय में कोर्टिसोल का स्राव बढ़ सकता है. इससे शारीरिक रूप से दोहरा बोझ पड़ता है.
हालांकि, अध्ययन यह नहीं बताता कि पानी पीना तनाव का एकमात्र उपाय है. हालांकि, केवल अधिक पानी पीने से वास्तविक दुनिया के तनाव के सभी पहलुओं का समाधान भी नहीं हो सकता.