3 AUG 2025
TV9 UP
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में अपने आप में तमाम तिलिस्म और रहस्यों को समाये शिवलिंग भूतनाथ के नाम से जाना जाता है. भूतनाथ मंदिर में मध्यरात्रि के बाद एक अदृश्य शक्ति द्वारा शिवलिंग की पूजा होती है.
जंगल के बीचो-बीच स्थित भूतनाथ के स्थान पर रात्रि में कोई भी निवास नहीं करता है. लेकिन मध्य रात्रि के पहले पहर में ही बंद तालों के बीच स्थित शिवलिंग पर पूजा अर्चना धूप दीप बेलपत्र पुष्प स्वतः चढ़ जाते हैं.
मंदिर के अंदर होने वाली इस घटना ने लोगों को अचंभित कर रखा है. यह घटना सदियों से होता चला आ रहा है. भूतनाथ शिवलिंग के पीछे छिपे चमत्कारिक रहस्य अभी तक अनजान है.
ठीक 12 बजे के बाद होने वाली चमत्कारिक पूजा में विशेष प्रकार के पुष्प धूप और दीप बेलपत्र मिलते हैं. सुबह मंदिर खुलता हैं तो जल के साथ पुष्प और धूप स्वतः ही शिवलिंग पर चढ़ा हुआ मिलता है.
मंदिर की पुजारी महंत गद्दीधर रूद्रेश शुक्ला बताते हैं कि इस स्थान का महत्व सदियों पुराना है. इस जंगल में महान ऋषि सिद्ध संत मंगलगिरी बाबा जी रहा करते थे उन्होंने ही भूतनाथ शिवलिंग की स्थापना की थी.
यह स्थान "छोटी काशी" के नाम भी जाना जाता है. संत मंगल गिरी के अंतर ध्यान होने के बाद आसपास के लोगों में इस मंदिर के प्रति अपार श्रद्धा है. कुछ लोगों का कहना है कि ये पूजा संत मंगल गिरी द्वारा ही की जाती है.
श्रावण मास में इस स्थान पर आषाढी का मेला भी लगता है. मंदिर के ठीक बगल में ही एक विशालकाय तालाब स्थित है. इस तालाब की मछलियों को अभय होने का वरदान प्राप्त है जिसे कोई हानि नहीं पहुंचता है.
तालाब की समस्त कोनों पर मंदिर बने हुए हैं. तालाब जंगल में बड़ी संख्या में कदम और वन तुलसी के वृक्ष हैं इसीलिए इस स्थान को छोटी काशी भी कहा जाता है. जबकि मंदिर की रहस्यमयी पूजा राज बना हुआ है.