गजब लैंग्वेज! झगड़े को मैटर, शान को रंगबाजी... मजाक नहीं चिकाई करते हैं कनपुरिए
18 June, 2025
रिपोर्ट- अनुराग अग्रवाल
कानपुर दूसरे शहरों से अलग है क्योंकि यहां लोग टेम्पो या ऑटो नहीं, बल्कि 'विक्रम' पकड़ते हैं और अगर झटका लगने पर सीधा कंटाप जड़ते हैं.
कानपुर में विक्रम
पृथ्वी का केंद्र कही जाने वाली ब्रह्मा खूंटी भी यहीं कानपुर में ही मौजूद है.
ब्रह्मा खूंटी यहीं पर है
यहां पर जो काम बड़ी से बड़ी रिश्वत से नहीं होता, वो महज एक 'मसाले' की पुड़िया से हो जाता है.
मसाले की पुड़िया से काम
कानपुर की होली तो पूरे देश में मशहूर है, लेकिन यहां की खास बात ये है कि शहर में साल में दो बार होली मनाई जाती है.
साल में दो बार होली
यहां की मशहूर कहावत है, कानपुर कनकैया, ऊपर रेल का पहिया, नीचे बहती गंगा मैया
यहां की कहावत
कानपुर के डीएवी कॉलेज से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिक्षा ग्रहण की थी.
किसने ली थी शिक्षा?
कानपुर का हर कोना एक कहानी है. यहीं सरसैया घाट पर भीष्म पितामह ने सूर्य को अर्घ्य दिया था.
भीष्म पितामह का सूर्य को अर्घ्य
अचानक दिल का तेज धड़कना हार्ट की बीमारी का लक्षण या फिर कुछ और?