8 July 2025
TV9 HINDI
रिपोर्ट-पंकज चतुर्वेदी
लखनऊ और कानपुर के बीच रैपिड रेल परियोजना पर जोर-शोर से काम किया जा रहा है. ये अमौसी मेट्रो स्टेशन से कानपुर के नयागंज मेट्रो स्टेशन तक नमो कॉरिडोर पर चलाई जाएगी. इसकी दूरी 67 किलोमीटर लंबी है.
अब दोनों शहरों के बीच 40 मिनट में दूरी पूरी हो सकेगी. इस परियोजना की नियमित निगरानी के लिए शासन ने प्रमुख सचिव (आवास) की अध्यक्षता में 13 अफसरों की एक कमेटी का गठन किया गया है.
इसका उद्देश्य है कि लोग अपने पास के मेट्रो स्टेशन से रैपिड रेल स्टेशन तक आसानी से पहुंच सकें. इसको लेकर आवास सचिव डॉ. बलकार सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा कि निगरानी कमेटी की पहली बैठक जल्द होगी.
शासन ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि कमेटी को नियमित मॉनिटरिंग कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी.
नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ने पिछले महीने लखनऊ विकास प्राधिकरण से परियोजना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगा था, जो अब जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही शासन स्तर पर एक हाईपावर कमेटी के बाद अब निगरानी समिति का गठन किया गया है.
लखनऊ-कानपुर रैपिड रेल परियोजना से न केवल दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय कम होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी. मेट्रो स्टेशनों से सीधी कनेक्टिविटी के चलते यात्रियों को आसानी से तुरंत सुविधा मिलेगी.
निगरानी समिति में प्रमुख सचिव (आवास) अध्यक्ष होंगे, जबकि लखनऊ और कानपुर के कमिश्नर, लखनऊ, कानपुर और उन्नाव के डीएम, एलडीए, केडीए, उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक आदि शामिल होंगे.