22 June 25
TV9 HINDI
उत्तर प्रदेश का संभल जिला हाल ही में चर्चा का केंद्र रहा है. यहां जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा ने पूरे देश का ध्यान खींचा था.
इस दौरान संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने अपनी सूझबूझ और लंबे प्रशासनिक अनुभव का परिचय देते हुए हिंसा को काफी हद तक संभाला था.
संभल के डीएम राजेंद्र पेंसिया ने अब एक अनोखा संदेश दिया है. यह दूसरे जिलों के कलेक्टरों के लिए भी एक बड़ा उदाहरण है, जिससे आम लोगों को काफी सहूलियत मिल सकती है.
डीएम ऑफिस में लगे बोर्ड पर लिखा है, 'मेरी टेबल पर रखी हर फाइल के पीछे एक व्यक्ति खड़ा होकर अपने काम के होने का इंतजार कर रहा है. यह मेरा कर्तव्य है कि मैं सबसे पहले इस फाइल का निपटारा करूं और उस व्यक्ति को राहत पहुंचाऊं.'
डीएम ऑफिस में लिखा यह संदेश डॉ. राजेंद्र पेंसिया के व्यक्तित्व का भी बड़ा उदाहरण है. क्योंकि पेंसिया आईएएस अधिकारी बनने से पहले शिक्षक और बीडीओ रह चुके हैं.
डॉ. राजेंद्र पेंसिया का जन्म 10 अगस्त 1983 को हुआ था. वे राजस्थान के श्रीगंगानगर के रहने वाले हैं. वह 2015 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने बीकॉम तक की पढ़ाई की है.
पेंसिया का जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. 2005 में वह एक सरकारी स्कूल में शिक्षक बन गए, लेकिन उन्होंने कभी आईएएस बनने का सपना नहीं देखा था. इसके बाद वह बीडीओ भी बने.
लेकिन आईएएस बनने के जुनून ने आखिरकार 2015 में उन्हें मंजिल तक पहुंचा दिया. और उन्होंने अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 345वीं रैंक हासिल की.