19 July 2025

सप्त देवालयों में शामिल वृंदावन का मंदिर, जहां मौजूद हैं द्वापर युग की ये 4 दिव्य आकृतियां

 TV9 HINDI

रिपोर्ट-कान्हा अग्रवाल , मथुरा

धर्म नगरी वृंदावन में हजारों मंदिर देखने को मिलते हैं और लाखों की संख्या में श्रद्धालु इन्हीं मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं.

वृंदावन में हजारों मंदिर

ऐसे में यहां एक ऐसा मंदिर है प्राचीन और वृंदावन के सप्त देवालयों में उसको गिना जाता है. इस मंदिर का नाम राधा दामोदर  है. इसकी स्थापना 1542 में की गई थी और यह सबसे अहम कोरियर वैष्णव संप्रदाय का स्थान है.

मंदिर का क्या नाम है?

इस मंदिर की सेवा श्रील गोस्वामी ने शुरू की थी. इस मंदिर में इतने भगवान के दर्शन आपको देखने को मिलते हैं उसके पीछे भी एक बड़ी वजह है. 

यहां कई भगवान के दर्शन

सबसे बड़ी बात यह है कि यहां मंदिर में विराजमान भगवान चार विग्रहों में हैं और चारों विग्रहों को अलग-अलग गोस्वामी द्वारा प्रकट किया गया था. 

मंदिर में चार विग्रह

इस मंदिर में वह शिला विराजमान है जो स्वयं गिरिराज भगवान की शिला है और उस शिला पर भगवान कृष्ण के समय की चार आकृतियां आज भी अंकित हैं. 

गिरिराज भगवान की शिला

जिसमें भगवान कृष्ण के दाहिने पैर का चिन्ह गौ माता के खुर का चिन्ह गऊ चराने की लाठी और लठियां का चिन्ह और भगवान की बांसुरी का चिन्ह आज भी अंकित है. 

कौन-कौन से चिह्नन

यह चारों चिन्ह की शिला भगवान कृष्ण ने सनातन गोस्वामी को दी और उनसे कहा कि कलयुग में जो भी भक्त इस मंदिर चार बार राधा दामोदर भगवान की परिक्रमा करेगा तो उसे गोवर्धन की परिक्रमा का फल मिलेगा.

क्या मिलेगा फल?

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