02 Sep 2025
TV9 UP
आगरा ताजमहल के साथ-साथ अपने पेठे के लिए भी मशहूर है. लेकिन अब आगरा की मिठास खतरे में है. क्योंकि यहां जितनी भी पेठा फैक्ट्रियां हैं, उन्हें शहर से हटाने का फैसला लिया गया है.
आगरा में 500 से ज्यादा छोटी-बड़ी फैक्टी है जहां रोजाना 1000 क्विंटल पेठा बनता है. इस व्यवसाय से करीब पांच हजार लोग जुड़े हैं. लेकिन अब यह 500 करोड़ रुपये का उद्योग संकट में है.
सुप्रीम कोर्ट ने शहर के सभी पेठा फैक्ट्रियों के खिलाफ ये फैसला लिया है. शीर्ष अदालत ने सभी पेठा फैक्ट्रियों को ताज ट्रेपेजियम जोन यानी TTZ क्षेत्र से हटाने का आदेश जारी किया है.
ताज ट्रेपेजियम जोन (TTZ) लगभग 10 हजार 400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसमें ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे तमाम ऐतिहासिक स्मारक शामिल हैं.
ये फैसला ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए लिया गया है. क्योंकि, ताजमहल के आसपास स्थित इन पेठा फैक्टरियों से प्रदूषण होता हो, जिससे ऐतिहासिक स्मारकों को नुकसान हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पेठा फैक्ट्री को TTZ क्षेत्र से बाहर, शहर से 30 किलोमीटर दूर ले जाने का आदेश दिया है. जहां यूपी सरकार कालिंदी विहार में 'न्यू पेठा सिटी' विकसित कर रही है.
इस फैसले से पेठा कारोबारियों को बड़ा झटका लगा है. उन्होंने नई जगह पर फैक्ट्री लगाने के लिए सब्सिडी और सस्ती जमीनों की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में इसपर 23 सितंबर को सुनवाई होनी है.