4 AUG 2025
रिपोर्ट: आदर्श त्रिपाठी, हरदोई
उत्तर प्रदेश के हरदोई में श्री शिव संकट हरण मंदिर का विशालकाय शिवलिंग रोजाना तीन बार रंग बदलता है. शाम को यह सुनहरे रंग का होता है तो सुबह भूरे रंग का और दोपहर में काले रंग का हो जाता है.
इस शिवलिंग का आकार नियमित बढ़ रहा है. इस स्वयंभू शिवलिंग की गहराई पाताल तोड़ बताई जाती है. कहा जाता है कि आदि काल से इस शिवलिंग का अस्तित्व है.
यह मंदिर हरदोई शहर से कुछ दूरी पर स्थित सकाहा गांव में है. मंदिर के पुजारी महंत विजय प्रताप गोस्वामी उर्फ खींरू बाबा के मुताबिक शिवलिंग सूरज की दिशा बदलने के साथ रंग बदलता है.
शिवलिंग के रंग बदलने की यह कला भोलेनाथ की लीला को दर्शाती है. यही वजह है कि यहां सावन महीने में मेला लगता है. शिवभक्त राजघाट से गंगाजल लाकर बाबा का अभिषेक करते हैं.
इस मंदिर का इतिहास जिले के गजेटियर में भी दर्ज है. इसमें शिवलिंग को पाताल तोड़ बताया गया है. 12 पहल पहले इसकी खुदाई तक की जा चुकी है. उस समय नीचे पानी तो आ गया, लेकिन शिवलिंग की जड़ नहीं मिली.
कहा जाता है कि बेहटा गोकुल कोतवाली के कोतवाल को भोलेनाथ की कृपा से बेटा हुआ था. उस समय कोतवाल ने इस शिवलिंग को यहां से ले जाने की कोशिश की थी. काफी प्रयास के बाद आखिर में वह थक हार गया.
मंदिर के शिलालेख में वर्णन है कि 1991 में कोतवाल शिव शंकर लाल वर्मा ने मंदिर के महात्म्य को सुनकर संतान की कामना की थी.
मनोकामना की पूर्ति होने पर उन्होंने थाने में मंदिर बनवाकर इस शिवलिंग को ले जाने की कोशिश की थी. कई दिनों तक खुदाई चलती रही, लेकिन इसकी जड़ नहीं मिली.