UP: 31 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, 18 जिलों में बाढ़ का संकट; जानें आज अपने शहर में मौसम का हाल
उत्तर प्रदेश में मानसून एक बार फिर मेहरबान है. आज लगातार तीसरे दिन IMD ने 31 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. वहीं 35 से अधिक जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. अब तक प्रदेश के 18 जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. वहीं 17 लोगों को इस बाढ़ और बारिश की वजह से जान गंवानी पड़ी है.

उत्तर प्रदेश में दोबारा सक्रिय हुए मानसून ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नोएडा-गाजियाबाद से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में बलिया गोरखपुर तक बीते दो दिनों से झमाझम बारिश हो रही है. इसी क्रम में भारतीय मौसम विभाग ने आज तीसरे दिन फिर से 31 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. वहीं 35 से अधिक जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी दी है. उधर, पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश की वजह से उत्तर प्रदेश से होकर गुजरने वाली सभी नदियां उफान पर हैं.
भारतीय मौसम विभाग के लखनऊ केंद्र के मुताबिक इस समय मानसून की ट्रफ लाइन उत्तर प्रदेश के मध्य से निकल रही है. इसकी वजह से प्रदेश में मानसून की गतिविधियां तेज हो गई है. कई जिलों में तो लगातार और मूसलाधार बारिश हो रही है. वहीं कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का दौर चल रहा है. इसकी वजह से तमाम इलाकों में जलभराव की स्थिति बन गई है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक आज संतकबीरनगर से लेकर बस्ती, बहराइच, महाराजगंज, हरदोई, फरुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, और लखनऊ में भारी बारिश हो सकती है.
35 जिलों में हल्की बारिश
इसी प्रकार, आज बाराबंकी, रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, सहारनपुर, नोएडा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड, बुलन्दशहर, अलीगढ, कासगंज, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, जालौन में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. जबकि 35 से अधिक जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. मौसम विभाग ने इन सभी जिलों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है.
18 जिले बाढ़ की चपेट में
खासतौर पर प्रयागराज, बनारस, गाजीपुर और बलिया समेत राज्य के 18 जिले भयंकर बाढ़ की चपेट में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पूर्वांचल और बुंदेलखंड के 18 जिलों में बाढ़ ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इन जिलों में नदियों का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. ऐसे हालात में संबंधित जिला प्रशासन ने लोगों को उनके घरों से रेस्क्यू कर राहत शिविरों में ठहराया है. वहीं कई गांवों में लोगों ने अपने मकान की छतों पर शरण ले रखी है.
17 लोगों की हुई मौत
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में तीन दिनों से हो रही बारिश और इसकी वजह से होने वाले जलभराव और मकान गिरने की वजह से 17 लोगों की मौत हुई है. इनमें सबसे अधिक तीन मौतें कौशांबी जिले में हुई हैं. वहीं दो-दो लोगों की मौत मीरजापुर और सुल्तानपुर में हुई हैं. इसी प्रकार गाजीपुर, बदायूं, बिजनौर, प्रतापगढ़, अमरोहा, मऊ, बलरामपुर, महोबा, फतेहपुर, पीलीभीत में एक-एक मौतें हुई हैं. ऐसे हालात में रविवार को कौशांबी जिले के बहादुरपुर गांव में मकान ढहने से मां-बेटी की मौत हो गई. उधर, चायल में भी एक कच्चा मकान गिरने से बुजुर्ग महिला की मौत हुई है. जबकि सुल्तानपुर के पांडेय बाबा बाजार में एक आदमी पेड़ गिरने से मारा गया. सुल्तानपुर के ही मोतिगरपुर में एक और व्यक्ति की बिजली का पोल गिरने से मौत हो गई. इसी प्रकार मीरजापुर में बाढ़ में दो लोग बह गए.
गंगा-यमुना, केन-बेतवा और मंदाकिनी ने बरपाया कहर
पहाड़ी राज्यों में हो रही लगातार बारिश का असर मैदानों में बाढ़ के रूप में नजर आ रहा है. रही सही कसर राजस्थान और मध्यप्रदेश के बांधों से छोड़ा गया पानी पूरी किए दे रहा है. इसकी वजह से गंगा और युमना ही नहीं, बेतवा और केन के साथ-साथ मंदाकिनी समेत अन्य बरसाती नदियां कहर बरपाने लगी हैं. प्रयागराज से लेकर बनारस, गाजीपुर और बलिया में गंगा तो चित्रकूट में मंदाकिनी का रौद्र रूप नजर आ रहा है. उधर, हमीरपुर में यमुना और बेतवा ने अपनी सीमाएं तोड़ दी हैं. बांदा में केन और बागेन के अलावा रंज नदी ने अपने किनारे के इलाकों को डुबोना शुरू कर दिया है. इसी प्रकार सोनभद्र में बकहर नदी तो, अयोध्या में सरयू नदी का पानी गांवों में घुस रहा है. वहीं आजमगढ़ से लेकर मऊ और बलिया तक घाघरा और जौनपुर में गोमती नदी का पानी तटवर्ती गांवों में तहलका मचा रहा है.



