03 Dec, 2025
रामकथा करते हुए रामभद्राचार्य ने विवाह परंपरा का वर्णन किया. इस दौरान उन्होंने भगवान राम और सीता के विवाह की कथा सुनाई.
इस दौरान उन्होंने वाइफ और बीवी शब्द पर सवाल उठाया. कहा कि इन दोनों शब्दों में ऐसा कुछ भी नहीं, जो परिवार को एक सूत्र में बांध सके.
इसी प्रसंग में रामभद्राचार्य ने भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में पत्नी की भूमिका का बखान किया. इस शब्द का वर्णन उन्होंने सम्मान, मर्यादा और पारिवारिक मूल्यों से जोड़कर किया.
उन्होंने कहा कि भारत में पत्नी शब्द ही चलेगा. यह सभ्यता और संस्कृति की धरती है और यहां वाइफ और बीवी शब्द का कोई मतलब नहीं है.
रामभद्राचार्य ने कहा कि पत्नी इंसान को पतन से रोकती है. भारतीय परंपरा के मुताबिक पत्नी के साथ मिलकर ही इंसान पूर्ण होता है. यह कोई समझौता नहीं, बल्कि समर्पण का मामला है.
रामभद्राचार्य ने कहा कि कोई भी विद्वान अगर ‘वाइफ या बीवी’ शब्द की ऐसी व्याख्या कर दे तो वह अपना त्रिदंड गंगा जी में फेंक देंगे.