जहां भगवान शिव लगाते हैं अदालत, कहां पर ये अनोखा ‘शिव कचेहरी’ धाम?
भगवान शिव अलग-अलग महत्व की वजह से भक्तों की तकलीफों को दूर करने के लिए जाने जाते हैं. देवों के देव महादेव सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं. जानते हैं शिव के एक ऐसे ही अनोखे रूप के बारे में जहां वो न्यायाधीश की भूमिका में होते हैं और भक्त माफी के लिए उनके पास जाते हैं.
भगवान शिव की पूजा के लिए सावन मास का खास महत्व है. देश में शिव भक्तों के साथ-साथ शिव मंदिरों की संख्या काफी ज्यादा है, जो अलग-अलग रूप में विशेष महत्व रखते हैं. आज प्रयागराज के ऐसे ही शिव मंदिर के बारे में जानते हैं, जहां भगवान शिव एक जज के रूप में अपनी अदालत लगाते हैं.
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संगम नगरी प्रयागराज में भगवान शंकर का एक अनोखा धाम है, जिसे शिव कचेहरी के नाम से जाना जाता है. यहां महादेव इस धाम में भोले भंडारी कल्याण दाता के रूप में नहीं बल्कि, न्याय देने वाले एक न्यायाधीश के रूप में प्रतिष्ठित हैं.
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यहां शंकर ही जज और वकील दोनों हैं. वहीं यहां आने वाले भक्त उनके मुलजिम. मंदिर के पुजारी नीरज तिवारी बताते हैं कि आदि काल से संगम नगरी को न्याय क्षेत्र भी माना गया है. इसकी आधुनिक परिणीति यहां प्रदेश के उच्च न्यायालय की स्थापना में भी देखा जा सकता है.
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शहर में गंगा किनारे शिवकुटी मोहल्ले में स्थित यह शिव मंदिर अपने आप में अनोखा है. इलाहबाद के गंगा तट पर बनी यह इमारत को पहली नजर में देखने से अंग्रेजी हुकूमत के समय की अदालतों की तश्वीर तरो-ताजा हो जाती है.