गंगा नदी किनारे कॉटेज से लेकर बनारसी खानपान तक, बनारस की टेंट सिटी में हर सुविधा है मौजूद – TV9 Uttar Pradesh
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गंगा नदी किनारे कॉटेज से लेकर बनारसी खानपान तक, बनारस की टेंट सिटी में हर सुविधा है मौजूद
बनारस की टेंट सिटी, गंगा के तट पर एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है. अक्टूबर से जून तक खुली रहने वाली इस सिटी में 600 से ज्यादा टेंट हैं, जिनमें कई तरह के कॉटेज की सुविधा है. जानते हैं इसमें और क्या है खास?
गंगा नदी के आंचल में बसे शहर बनारस जाने वाले पर्यटकों के लिए यूं तो घाट, गंगा आरती, नाव की सवारी सहित बहुत सी चीजें हैं, लेकिन यहां आने वाले पर्यटक टेंट सिटी का भी लुत्फ उठा सकते हैं.
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टेंट सिटी शहर के प्रतिष्ठित घाटों से गंगा के विपरीत तट पर स्थित है. टेंट सिटी हर साल अक्टूबर से जून तक चलती है. ये आध्यात्मिक राजधानी में आने वाले पर्यटकों के लिए नदी के किनारे शांति और सुकून के लिए समय बिताने के लिए बेहतर ऑप्शन है.
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टेंट सिटी को 30 हैक्टेयर्स के प्लॉट्स को 2 हिस्सों में डेवलप किया गया है. यहां कुल 600 से ज्यादा टेंट्स की क्षमता है, जिसमें 4 तरह के अलग-अलग स्तर के कॉटेज की सुविधा है.
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इस टेंट सिटी में रिवर कॉटेज, फ्लोटिंग बाथकुंड, मेडिटेशन सेंटर, जिम, स्पा लाइब्रेरी, आर्ट गैलरी, क्लब हाउस, कॉन्फ्रेंस हॉल, बनारसी खानपान, गेमिंग जोन, ऊंट, घोड़े की सवारी जैसी सुविधाएं मौजूद हैं.
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पर्यटकों की सुविधा के लिए kashi.gov.in पर जाकर टेंट सिटी के पास को बुक कराने की सुविधा मौजूद है, जिसे घर बैठे ही आसानी से किया जा सकता है.
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यहां घाटों का पर भी फिर से काम किया गया है, जिनमें 8 गंगा घाटों का पुनर्विकास नमो घाट के पूरा होने के साथ शुरू हुआ. इसमें एक कैफेटेरिया, सुंदर स्टेज और विरासत आर्ट्स बनाए गए हैं, जो वाराणसी के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आकर्षण को बढ़ाते हैं.
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2014 से, 40,000 करोड़ रुपये की 580 परियोजनाओं ने काशी को बदल दिया है, जिसमें 10,000 करोड़ रुपये की लागत शामिल है. अप्रैल 2025 में 3,880 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई इस परियोजना से बुनियादी ढांचे, विरासत और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.