महाभारत काल से है बाराबंकी का ये मंदिर, यहां स्थापित है 5 हजार साल पुराना शिवलिंग, PHOTOS

बाराबंकी का लोधेश्वर महादेव मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित है, उसे 5 हजार साल पुराना बताया जाता है. इस शिवलिंग को 52 ज्योतिर्लिंगों में अनोखा माना जाता है. इसका कनेक्शन महाभारत काल से भी है. यहां महादेव का दर्शन करने देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग आते हैं.

बाराबंकी के रामनगर तहसील स्थित प्रसिद्ध श्री लोधेश्वर महादेव धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लग रहा है. सभी लाइन लगाकर महादेव के दर्शन के लिए इतंजार क रहे हैं.. “हर-हर महादेव” का उद्घोष पूरे वातावरण को लगातार भक्तिमय बनाए हुए है.
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श्रद्धालुओं ने गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूरा और सुगंधित पुष्पों से भगवान लोधेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामनाएं मांग रहे हैं. लगातार कई दिनों से पूरा धाम धार्मिक उत्साह और आस्था से सराबोर नजर आ रहा है. बता दें यहां जो शिवलिंग स्थापित है, उसे 5 हजार साल पुराना बताया जाता है.
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इस प्रसिद्ध लोधेश्वर धाम मंदिर के शिवलिंग को 52 ज्योतिर्लिंगों में अनोखा माना जाता है. इसकी दिव्यता और महिमा के कारण देश-विदेश से भक्त यहां दर्शन करने आते हैं. मान्यता है कि लोधेश्वर महादेव के दर्शन और पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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मंदिर के मुख्य पुजारी वीरेंद्र कुमार अवस्थी ने बताया कि यह शिवलिंग स्वयंभू है. यहां महाभारत काल से इसकी पूजा-अर्चना होती आ रही है. पौराणिक कथा के अनुसार पांडवों ने माता कुंती के साथ यहां जलाभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया था. तभी से इस धाम में पूजा की निरंतर परंपरा जारी है.
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श्रद्धालुओं की निरंतर बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिर के विकास की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में लोधेश्वर महादेव धाम को उत्तर भारत का एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बनाने की योजना पर तेजी से कार्य हो रहा है.
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आने वाले समय में मंदिर परिसर का विस्तार, सुगम मार्ग, श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएं, विश्राम केंद्र, प्रकाश व्यवस्था और सौंदर्यीकरण से यह धाम न केवल अधिक आकर्षक बनेगा, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र भी बनेगा.
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सरकार को विश्वास है कि इससे लोधेश्वर महादेव धाम के प्राचीन वैभव को आधुनिक स्वरूप में पुनर्स्थापित करते हुए इसे विश्व स्तर पर नई पहचान मिलेगी.  सरकार की तरफ से यहां भव्य कॉरिडोर भी प्रस्तावित है. इसके लिए पर्यटन विभाग ने कार्य प्रारंभ कर दिया है. कॉरिडोर के प्रथम चरण में पांच विशाल प्रवेश द्वारों के निर्माण हेतु खुदाई शुरू कर दी गई है.
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