महाभारत काल के पारिजात वृक्ष पर फिर खिले फूल, बाराबंकी में उमड़ी पर्यटकों की भीड़
बाराबंकी के महाभारत कालीन पारिजात वृक्ष को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. कहा जाता है कि इस वृक्ष के पुष्प भगवान शिव को बेहद प्रिय थे. ऐसे में शिव पर चढ़ाए गए पारिजात वृक्ष को अपने घर पर रखने से धन-धान्य की वृद्धि होती है.
बाराबंकी में स्थित पौराणिक पारिजात वृक्ष वर्तमान में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसपर खिले स्वर्ण आभा वाले फूल विशेष रूप से लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार इस पेड़ को महाभारत काल का माना जाता है. इसे देववृक्ष के रूप में भी जाना जाता है.
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इस पारिजात वृक्ष की विशेषता ये है कि इसके फूल स्वर्णिम आभा से युक्त होते है. बड़ी संख्या में पर्यटक इस ऐतिहासिक वृक्ष के दर्शन के लिए आ रहे हैं. साथ ही खिले हुए पुष्पों के साथ सेल्फी लेकर अपनी यादों को संजो रहे हैं. पारिजात के फूलों की अद्भुत सुंदरता पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर रही है.
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बता दें कि यह वृक्ष बाराबंकी के सिरौलीगौसपुर के बरौलिया गांव में है. स्थानीय लोगों का कहना है कि परिजात के फूल को रखने से मन में शांति और धन की प्राप्ति होती है. इसके फूल को घर ले जाने के लिए लोग अच्छी-खासी कीमत भी देते हैं.
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पारिजात वृक्ष के फूल काफी बड़े और सफेद रंग के होते हैं. यह दिखने में बहुत अच्छे लगते है. मान्यता है कि पारिजात वृक्ष की पूजा-अर्चना करने से लोगों की हर तरह की मनोकामनाएं पूरी होती है. इसलिए यहां इस पेड़ के पास पूजा-अर्चना करने वालों की भी अच्छी खासी संख्या दिखती है.
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बता दें कि पारिजात पुष्प भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माना जाता है. इसलिए सावन के महीने में श्रद्धालु इन पुष्पों को शिवजी को चढ़ाते हैं. माना जाता है कि शिव पर चढ़ाए गए पारिजात वृक्ष को अपने घर पर रखने से धन धान्य की वृद्धि होती है.
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मान्यता के अनुसार पारिजात समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में से एक है. अज्ञातवास के दौरान अर्जुन इसे स्वर्ग लोक से माता कुंती के लिए यहां लाए थे. बता दें इससे जुड़े ऐसे महत्व को बताने के लिए वृक्ष के पास साइनेज बोर्ड भी लगाए गए हैं.
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स्थानीय लोगों ने बताया कि यह वृक्ष धार्मिक आस्था का केंद्र है. इधर बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचने शुरू हुए हैं. इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं. यह स्थान अब बाराबंकी जिले के प्रमुख आकर्षणों में से एक बन चुका है.