UP में है देश का इकलौता रेलवे स्टेशन, जिसके कोड में है ‘बैरक’, ब्रिटिश राज से कनेक्शन; PHOTOS

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन भारत के रेल नेटवर्क में काफी अहम माना जाता है. यह देश का इकलौता रेलवे स्टेशन है, जिसके कोड CNB में बैरक शब्द छिपा हुआ है. इसकी भी बहुत रोचक कहानी है.

उत्तर प्रदेश में कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन भारत के रेल नेटवर्क में काफी अहम माना जाता है. यह देश का इकलौता रेलवे स्टेशन है, जिसके कोड CNB में बैरक शब्द छिपा हुआ है. इसकी भी बहुत रोचक कहानी है.
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ब्रिटिश शासन के दौरान कानपुर एक महत्वपूर्ण सैन्य केंद्र था. उस समय इस शहर को ‘कॉनपोर’ (Cawnpore) कहा जाता था. खासतौर पर शहर के उत्तरी हिस्से को ‘कॉनपोर नॉर्थ बैरक्स’ (Cawnpore North Barracks) के नाम से जाना जाता था. यह नाम ब्रिटिश सेना की छावनियों से जुड़ा था. यहां बड़ी संख्या में सैनिक रहते थे और उनके बैरक हुआ करते थे.
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इसलिए अंग्रेजों ने इसी नाम के शुरुआती अक्षरों C, N, B से CNB कोड का जन्म हुआ. 1855 में, जब उत्तर भारत में पहली रेल लाइन बिछाई गई, उस समय रेलवे स्टेशनों को कोड देने की प्रथा शुरू हुई. उस समय कानपुर स्टेशन को CNB नाम से कोड दिया गया तो इलाहाबाद, जिसे आज प्रयागराज के नाम से जानते हैं को ALD कोड दिया गया था. समय के साथ शहर का नाम ‘कानपुर’ हो गया, लेकिन CNB कोड में आज तक कोई बदलाव नहीं हुआ.
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कानपुर सेंट्रल अब उत्तर मध्य रेलवे का एक प्रमुख जंक्शन है, जहां से दिल्ली, लखनऊ, प्रयागराज, मुंबई और अन्य दिशाओं की ट्रेनें गुजरती हैं. यह स्टेशन भारत के सबसे व्यस्त स्टेशनों में शुमार है, जहां हर दिन हजारों ट्रेनें रुकती हैं और लाखों यात्री सफर करते हैं. स्टेशन की इमारत भी अपनी अनोखी वास्तुकला के लिए मशहूर है. यह औपनिवेशिक और मुगल शैली का मिश्रण है, जो ब्रिटिश युग की याद दिलाती है.
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कानपुर सेंट्रल स्टेशन की अहमियत केवल रेलवे तक सीमित नहीं है. यह शहर की आर्थिक और सामाजिक जीवनरेखा है. जयपुरिया रोड, रेल बाजार, हैरिस गंज और मीरपुर जैसे इलाकों से जुड़ा यह स्टेशन कानपुर को उत्तर भारत का एक प्रमुख रेल हब बनाता है. यहां से गुजरने वाली ट्रेनें न केवल यात्रियों को जोड़ती हैं, बल्कि व्यापार और विकास को भी गति देती हैं.
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हाल के वर्षों में स्टेशन को आधुनिक बनाने के प्रयास हुए हैं, लेकिन CNB कोड की ऐतिहासिक पहचान आज भी बरकरार है. यह जानकारी बताती है कि इतिहास कैसे वर्तमान में घुलमिल जाता है. ब्रिटिश काल की विरासत भले ही कड़वी हो, लेकिन CNB जैसे कोड उस युग की तकनीकी प्रगति को संरक्षित रखते हैं.
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अगर आप भी कानपुर सेंट्रल से या इस स्टेशन से होकर सफर करते हैं, तो अगली बार CNB देखकर आपको इसकी कहानी जरूर याद आएगी. यह न केवल एक कोड है, बल्कि एक शहर की यात्रा की कहानी भी है.
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