आदि शिव के रूप में यहां होते हैं भोलेनाथ के दर्शन, जानिए कहां है सृष्टि का पहला शिव मंदिर
शिव भक्तों के लिए खास सावन महीने की शुरुआत हो गई है. आज महादेव के ऐसे मंदिर के बारे में जानेंगे जो सृष्टि का पहला मंदिर माना जाता है. यहां भगवान शंकर के आदि शिव स्वरूप की पूजा होती है. भक्त दूर-दूर से महादेव के इस स्वरूप की पूजा और दर्शन के लिए यहां आते हैं.
आज यानी 11 जुलाई से सावन महीने की शुरुआत हो गई है. देशभर में महादेव की पूजा के लिए भक्तों की भारी भीड़ मंदिरों में जुटनी शुरू हो गई है. आज हम प्रयागराज के ऐसे मंदिर के बारे में जानेंगे जहां महादेव की पूजा आदि शिव के रूप में होती है.
1 / 6
संगम नगरी प्रयागराज में गंगा के तट पर स्थित ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर को में आदि शिव का स्वरूप मौजूद है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, महादेव की पूजा धरती पर इसी मंदिर से शुरू हुई.
2 / 6
धर्म नगरी प्रयाग में खुद सृष्टि करता ब्रम्हा के हाथों जब सृष्टि की रचना की गई तो शिव का आह्वाहन कर गणेश जी के बाद महादेव के इसी स्वरूप की स्थापना हुई और फिर इस मंदिर का नाम दिया गया ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर.
3 / 6
मंदिर की दीवारों में मत्स्य पुराण और स्कन्द पुराण के अगल-अलग प्रसंगों को अंकित किया गया है जो इसके बारे में गवाही देते हैं. मंदिर के मुख्य पुजारी नीरज त्रिपाठी बताते हैं कि सृष्टि लोक में शिव मंदिरों का यह सबसे पुराना मंदिर है.
4 / 6
स्कन्द पुराण और मत्स्य पुराण में उल्लेख है की जिस समय सृष्टि की रचना के लिए भगवान् विष्णु और 33 करोड़ देवताओं ने प्रजापति ब्रह्मा से इसकी प्रार्थना की तब ब्रम्हा जी ने सृष्टि की रचना के समय सबसे पहले बाधाओं को हरने वाले भगवान गणपति और शिव जी का आह्वाहन किया.
5 / 6
पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी बताते हैं कि ब्रम्हा जी ने शिव जी की पूजा के लिए सबसे पहले इसी शिव मंदिर का निर्माण करवाया.