अब हर मौसम में ले पाएंगे इलाहाबादी अमरूदों का स्वाद… जानिए कैसे संभव हो पाया

प्रयागराज का सुरखा अमरूद अपने अनोखे स्वाद के लिए खाासतौर से जाना जाता है. लेकिन ये अमरूद केवल सर्दियों के मौसम में उगता था, जिसके चलते किसानों को कोई खास लाभ नहीं मिल पाता था. अब इस प्रजाति के अमरूद को सभी सीजनों में उगाया जा सकेगा. आखिर ये हुआ कैसे. आपको बताते हैं.

प्रयागराज की पहचान यहां के सुरखा अमरूद ( एप्पल ग्वावा) से भी है. जिसे खासतौर से इलाहाबादी अमरूद के नाम से भी जाना जाता है. ये अमरूद खासतौर से केवल सर्दियों में उगते हैं. इसके चलते जहां एक तरफ अमरूद के बागानों से किसानों की कोई खास आमदनी नहीं हो पा रही थी.
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फसल घाटे के चलते किसान इसकी फसल से दूरी बनाते भी नजर आते हैं. लेकिन अब इन किसानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. एक्सपर्ट्स ने उनकी इस समस्या का समाधान खोज निकाला है. अब इन अमरूदों को केवल सर्दियों में ही नहीं बल्कि सभी सीजनों में उगाया जा सकेगा.
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प्रयागराज के खुसरो बाग में सुरखा अमरूद को उगाने के लिए पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर स्पेलियर प्रणाली की शुरुआत हो रही है. औद्योगिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र नाम की संस्था के जरिए ये प्रयोग किया जा रहा है. खुसरो बाग़ के प्रशिक्षण प्रभारी विजय किशोर सिंह बताते हैं पहली बार एप्पल ग्वावा इस प्रणाली से तैयार किया जा रहा है.
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अभी यहां अमरूद के 27 पौधों को इसके लिए चुना गया है. बाद में बड़े पैमाने पौधे लगाए जाएंगे. उनका कहना है कि इस प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि अब सुरखा अमरूद के स्वाद का लुत्फ हर सीजन में उठाया जा सकेंगा. अब तक केवल सर्दियों में ही इसकी फसल तैयार होती थी.
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अमरूद के बागान में पहली बार स्पेलियर सिस्टम को अमल में लाया जा रहा है लेकिन अभी इसे छोटे स्तर पर ही शुरू किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा इस प्रोजेक्ट को को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान भी सहयोग कर रहा है.
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इस प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा ये है कि फल का कलर और साइज एक जैसा होगा. तो वहीं फल तोड़ने और फ्रूट बैगिंग जैसी हार्वेस्टिंग प्रक्रिया भी इससे आसान हो जाएंगी.
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