350 साल पुराना सहारनपुर का ये पेड़ा, जिसके स्वाद के दीवाने आप भी हो जाएंगे…
मिठाई किसी भी खुशी के मौके जैसे त्योहार, जीत, जन्मदिन आदि के मौके का अहम हिस्सा होती है. ऐसे में आज हम आपको सहारनपुर के ऐसे ही स्वादिष्ट पेड़े की डिमांड विदेशों में भी है. जानते हैं कहां पर है ये खास दुकान.
पश्चिमी यूपी के सहारनपुर जिले में स्वाद का खजाना है. वैसे तो यहां पर बनने वाली कई मिठाई खास हैं, लेकिन यहां के पेड़े का स्वाद अपने आप में बेहद लाजवाब है. इस पेड़े के दीवाने सिर्फ सहारनपुर के लोग ही नहीं बल्कि, विदेशों में भी इस पेड़े के स्वाद के बहुत से लोग दीवाने हैं.
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हम बात कर रहे हैं सहारनपुर के गंगोह कस्बे में स्थित मोधू हलवाई के भुने हुए मावे के पेड़ों की. ये पेड़े ऐसे हैं जिसके जायके के सामने मथुरा-वृंदावन वाले पेड़े भी फेल नजर आते हैं.
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मोधू हलवाई की ये दुकान 350 साल पुरानी है. इन स्पेशल मावे और इलायची वाले पेड़ों के लिए दुकान पर लंबी लाइन लगती है इन पेड़ो का स्वाद अंग्रेज भी अपनी हुकूमत के समय लिया करते थे.
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गंगोह इलाके में रहने वाले कई लोग ऐसे है जो अलग-अलग देशों में या तो नौकरी करते हैं या फिर वहीं जाकर बस गए हैं. लेकिन, जब वो भारत आते हैं तो मोधू के इन स्वादिष्ट पेड़ों का स्वाद लेने जरूर आते हैं. साथ ही विदेश वापसी के समय इन पेड़ों को अपने साथ लेकर जाते हैं. यहां इन पेड़ों का जायका विदेशी लोग भी लेते हैं. और जब कोई भारत आता है तो उनसे इस खास पेड़े को मंगवाया जाता है.
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दुकान मालिक मनोज बताते हैं कि शुगर के मरीजों के लिए भी अलग से शुगर फ्री पेड़े तैयार किए जाते हैं. उनकी सातवीं पीढ़ी इन पेड़ों को बनाने का काम कर रही है. गंगोह इलाके में किसी भी त्योहार या खुशी के मौके पर मोधू के इन पेड़ों को मंगाकर ही सेलीब्रेशन को पूरा किया जाता है.