फीका पड़ गया स्वर्ग का वैभव, 20 लाख दीयों की रोशनी में निखर उठी काशी; देखें देव दीपावली की तस्वीरें

कार्तिक पूर्णिमा का मौका और काशी में देवताओं की दिवाली! जब 20 लाख दीयों की रोशनी में अपनी काशी की आभा निखर उठी तो स्वर्ग का वैभव भी फीका पड़ गया. भगवान विश्वनाथ की इस नगरी के इस विहंगम दृष्य को नजर भर देखने की चाहत लिए बड़ी संख्या में देशी-विदेशी भक्त, श्रद्धालु और पयर्टक भी पहुंचे. खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधि विधान से शुभारंभ किया.

वैसे तो अपनी काशी का जितना भी देखो, उतना ही कम है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा पर जब इस काशी में देवता भी दिवाली मनाने आते हैं तो दृष्य देखने लायक होता है. सीएम योगी अपने मंत्रिमण्डल के कई मंत्रियों के साथ नमो घाट से अस्सी तक क्रूज़ में सवार होकर घाटों का अवलोकन कर रहे थे.
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शाम 5:30 से दिए रोशन होने शुरू हुए और देखते ही देखते सभी 88 घाटों और 96 कुंडों के अलावा तालाबों पर लाखों दीए रोशन हो गए. गंगा पार रेती में तीन लाख दिए और वरुणा नदी के किनारे भी 50 हज़ार दीयों की रोशनी से देव दीवाली मनाई गई. नमो घाट पर पहली बार देव दीपावली पर गंगा आरती हुई. दशास्वमेध घाट पर गंगा महाआरती में रिकॉर्ड संख्या में लोग मौजूद रहें.
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शाम के साढ़े छह बजे तक लाखों दीयों की रोशनी में काशी नहा गई. घाटों पर बिजली की लड़ियां और झालर इस खूबसूरती को और बढ़ा रहे थे. नमो घाट से अस्सी घाट तक अलग अलग रंग नज़र आ रहे थे. सभी घाटों को सुंदर तरीके से सजाया गया था और रंगोली बनाई गई थी. 21 अर्चक और 42 देव कन्याओं ने आरती को सम्पन्न कराया. यहां गंगा महाआरती ऑपरेशन सिन्दूर को समर्पित रही.
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गंगोत्री सेवा समिति की गंगा आरती पहलगाम में शहीद लोगों को समर्पित रही जबकि अस्सी घाट की आरती विश्व कप जीतने महिला क्रिकेट टीम को समर्पित रही. अस्सी घाट पर महिला क्रिकेट टीम को लेकर सुंदर रंगोली भी बनाई गई थी.पाण्डेय घाट पर आई लव काशी की थीम पर देव दीपावली मनाई गई.
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इसी प्रकार चेत सिंह घाट पर दर्शकों के लिए तीन चरणों में प्रोजेक्शन व लेजर शो हुआ. पहला शो शाम 6:15 से 6:45 तक चला.जबकि दूसरा 7:15 से 7:45 बजे तक और तीसरा शो 8:15 से 8:45 बजे तक चला. इस लेज़र शो में महादेव से जुड़ी पौराणिक कथाएं दर्शकों को दिखाई जा रही थीं.
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ललिता घाट के सामने ग्रीन आतिशबाजी ने माहौल में चार चांद लगा दिए. इस मौके पर देश विदेश से बीस लाख से ज़्यादा लोग काशी की आभा को देखने पहुंचे थे. आलम यह था कि लोग काशी की इस भव्य देव दीपावली देखकर पलक झपकाना भी भूल गए.
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इस बार देव दिवाली पर गंगा किनारे बीस लाख से ज़्यादा दीयों की स्वर्णिम आभा देखकर देवता भी इर्ष्या के मारे जल भुने होंगे. उनके स्वर्ग का वैभव भी काशी की आभा के आगे फीका पड़ गया होगा. नमो घाट, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट और अस्सी घाट पर विशेष गंगा आरती शाम छह बजे से 6:50 बजे तक संपन्न हुई.
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