MP का चना तो ODOP में बलिया का कैसे हो गया सत्तू? महज 10 मिट्रिक टन है पैदावार, खपत दो गुनी – TV9 Uttar Pradesh
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MP का चना तो ODOP में बलिया का कैसे हो गया सत्तू? महज 10 मिट्रिक टन है पैदावार, खपत दो गुनी
बलिया का चना सत्तू, उत्तर प्रदेश के ODOP कार्यक्रम का हिस्सा है. हालांकि, बलिया में चने का उत्पादन मांग से बहुत कम है. इस कमी को पूरा करने के लिए मध्य प्रदेश से बड़ी मात्रा में चना आयात किया जा रहा है. सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रही है. सत्तू की बढ़ती लोकप्रियता और निर्यात ने इस आयात को और आवश्यक बना दिया है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने ओडीओपी यानी एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत बलिया के दो प्रोडक्ट को शामिल किया है. इसमें एक तो सुहाग का चिन्ह बिंदी है, जिसका उत्पादन यहां बड़े पैमाने पर होता है. बिंदी की सप्लाई देश में नहीं, बल्कि विदेशों में भी खूब होती है. वहीं दूसरा उत्पाद चने का सत्तू है.
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बड़ी बात यह कि इस सत्तू के लिए बलिया में पर्याप्त मात्रा में चना पैदा ही नहीं होता. बल्कि बलिया में जितना चना पैदा होता है, उतने से जिले की डिमांड भी मुश्किल से पूरी होती है. जिला क़ृषि अधिकारी पवन प्रजापति कहते हैं कि सत्तू को राज्य सरकार ने एक जिला एक उत्पाद में शामिल किया है. इसलिए चने की पैदावार बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.
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इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्हें समय समय पर ट्रेनिंग भी दिया जाता है. फिलहाल जिले में करीब चार हजार हेक्टेयर जमीन पर चने की खेती हो रही है. लेकिन निकट भविष्य में इसे डबल करने की योजना है. इसके लिए सरकार सस्ती दरों पर किसानों को चने के बीज उपलब्ध करा रही है.
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जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक अभी जिले में करीब दस हजार मिट्रिक टन चने का उत्पादन हो रहा है. हालांकि जिले की अनाज मंडी में बैठे व्यापारियों के मुताबिक जिले में चने की खपत इससे कहीं ज्यादा है. ऐसे में डिमांड और सप्लाई का गैप भरने के लिए मध्य प्रदेश से चने का आयात किया जा रहा है. इस समय बलिया में मध्य प्रदेश से करीब 10 मिट्रिक टन से भी अधिक चना मंगाया जा रहा है.
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चूंकि सत्तू को ओडीओपी में शामिल करने के बाद से डिमांड बढ़ी हैं, इसलिए आयात की मात्रा इस साल और बढ़ाई जाएगी. चने के सत्तू का वैसे तो मुख्य इस्तेमाल लिट्टी-चोखे और पराठे में किया जाता है, लेकिन इस सत्तू को बड़े पैमाने पर लोग पीने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. खासतौर पर गर्मियों में पीने के लिए सत्तू की डिमांड ज्यादा होती है.
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चने के सत्तू की सप्लाई देश में कई स्थानों पर तो हो ही रही है, कई देशों में भी यहां से सत्तू का निर्यात हो रहा है. सत्तू कारोबारियों के मुताबिक बलिया से चने का सत्तू मध्य प्रदेश के भोपाल-इंदौर से लेकर राजस्थान के जयपुर-जोधपुर और महाराष्ट्र के मुंबई-नागपुर तक हो रहा है. वहीं विदेशों में श्रीलंका, बांग्लादेश, इंगलैंड समेत कई अन्य देशों में भी सत्तू की सप्लाई जा रही है. हालांकि इसकी मात्रा अभी बहुत कम है.