UP के इस जिले में जमीनें हो सकती हैं 25 फीसदी तक महंगी, होगा ये बदलाव

मुरादाबाद में जुलाई से जमीनों की कीमतें करीब 25 फीसदी तक बढ़ सकती हैं. इसे लेकर जिला प्रशासन नए सर्किल रेट तैयार कर रहा है. जमीनों की कीमतों को लेकर ये सर्किल जुलाई के पहले हफ्ते में जारी किए जाने की पूरी उम्मीद है. इसके लिए सभी तहसीलों से गाटा संख्याएं मांगी गई हैं, जिससे ये तय करने में मदद मिलेगी कि कीमतों में कहां कितनी बढ़ोत्तरी की जाए. हांलाकि कीमतों के बढ़ने का असर जमीन खरीदने की प्लानिंग करने वालों के बजट पर साधे तौर पर पड़ने वाला है.

मुरादाबाद में जमीनें होंगी मंहगी Image Credit:

मुरादाबाद में जमीन खरीदने की प्लानिंग करने वालों को अपने बजट में थोड़ा सा इजाफा करना पड़ सकता है. यहां जमीनों की कीमतो को लेकर जिला प्रशासन जुलाई के पहले सप्ताह में नए सर्किल रेट जारी करने की तैयारी कर रहा है, जिससे जमीन की कीमतों में औसतन 25 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो सकती है. प्रशासन के इस फैंसले के बाद मुरादाबाद में जमीन खरीदना पहले के मुकाबले थोड़ा- सा में महंगा होने वाला है.

प्रशासन जुटा रहा जानकारी

प्रशासन की तरफ से जिलेभर की सभी तहसीलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र की गाटा संख्याएं उपलब्ध कराएं. ये गाटा संख्याएं जमीन के प्लॉटों की पहचान के लिए होती हैं, जिसके आधार पर ये तय किया जाएगा कि किस इलाके में कितना सर्किल रेट बढ़ाया जा सकता है. जिला प्रशासन के मुताबिक अब तक कुछ तहसीलों की गाटा संख्या मिल चुकी है, जबकि कई तहसीलों की जानकारी अभी जुटाई जा रही है.

नई कीमतों के क्या होंगे मानक

नए सर्किल रेट तय करने के लिए प्रशासन जमीनी हकीकत का पूरा ध्यान रख रहा है. इसके लिए एसडीएम और सब-रजिस्ट्रार इलाकों का जायजा ले रहे हैं. इस चीज का मूल्यांकन किया जा रहा है कि कौन-सी ज़मीन किस सड़क पर है, और क्या वह आबादी के करीब है. इन्हीं बातों के आधार पर जमीन का सरकारी मूल्य यानी सर्किल रेट निर्धारित किया जाना है.

एआईजी स्टांप विभाग ने के मुताबिक इस प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. विभाग का कहना है कि जुलाई के पहले वीक तक ये डेटा सार्वजनिक कर दिया जाएगा. इसके बाद लोगों से आपत्तियां मांगी जाएंगी, जिन्हें 10 दिनों के भीतर ही निपटाया जाएगा. इसके बाद अंतिम रूप से 1 अगस्त तक नए सर्किल रेट जारी कर दिए जाएंगे.

राजस्व में भी होगा इज़ाफा

जानकारों का मानना है कि ये बढ़ोत्तरी शहर की तेजी से बढ़ती जरूरतों और जमीनों की बढ़ती मांग के लिहाज से की जा रही है. हालांकि, इससे सरकार के राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होगी. वहीं आम लोगों के लिए प्लॉट खरीदना थोड़ा मुश्किल भी हो सकता है. इसीलिए जिन लोगों को जमीन खरीदनी है, वे जल्द अपना सौदा निपटाने का विकल्प चुन सकते हैं, ताकि नई दरों से राहत मिल सके.