PM आवास योजना: ग़ाज़ियाबाद में ग़रीबों को आवास मिलने में देरी, विभागों की लापरवाही

गाजियाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले घरों के काम में देरी देखने को मिल रही है. इस योजना के तहत 3496 घर बनाए जाने वाले थे, लेकिन विभागों की लापरवाही की वजह से ये काम बीच में ही अटकता दिखाई दे रहा है. नतीजा ये है कि अब तक एक भी लाभार्थी को घर नहीं मिल पाया है. लोगों का कहना है कि ये देरी जल निगम और पीडब्ल्यूडी जैसे विभाग की लापरवाही की वजह से हो रही है.

PM आवास योजना

गाजियाबाद में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले मकानों को लेकर देरी देखने को मिल रही है. इसका नतीजा ये है कि गरीबों को आवास मुहैया नही हो पा रहे हैं. जानकारों का कहना है कि देरी की वजह विभागों के बीच तालमेल की कमी होना है. इस योजना को लेकर लापरवाही साफ तौर से देखने को मिल रही है.

क्यों हो रही देरी

पीएम आवास योजना के तहत गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को मकानों के निर्माण की जिम्मेदारी दी गई थी, जबकि जल निगम, पीडब्ल्यूडी, विद्युत विभाग और नगर निगम को इसके लिए सुविधाएं मुहैया करानी थी. इसे लेकर कई विभागों ने तो काम किया, लेकिन जल निगम और पीडब्ल्यूडी की लापरवाही के चलते ये काम अधूरा पड़ा हुआ हैं. इसे लेकर जल निगम की तरफ से कहा गया है कि काम पूरा करने के लिए उसके पास बजट की कमी है. वहीं पीडब्ल्यूडी अभी तक सड़कों का काम पूरा नहीं कर पाया है.

न सड़क बनी न बिजली आई

लोगों का कहना है कि कई टावरों का स्ट्रक्चर तो तैयार हो चुका है, लेकिन बिजली, पानी और सड़कें न होने की वजह से इन घरों में रह पाना संभव नहीं है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जल निगम के अधूरे काम को पूरा करने के लिए GDA अपना बजट खर्च कर रहा है. हांलाकि बाद में जल निगम से इसका पैसा वसूल किया जाएगा.

आखिर कौन है जिम्मेदार

ऐसे में सवाल उठना वाजिब है कि जब सरकार इस योजना के लिए पूरा खाका तैयार करके विभागों को भेज चुकी थी, तो आखिरकार इस काम में देरी क्यों हो हुई. सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर विभागों ने अपना काम जिम्मेदारी के साथ तय समय में पूरा क्योंनही किया. हांलाकि इन सवालों के जवाब कब मिलेंगे ये तो पता नही, लेकिन पीएम आवास योजना में लापरवाही दिखाने वाले अधिकारियों की वजह से करीब साढ़े 3 हजार लोग अभी भी बिना घर के रह रहे हैं.