बनारस में रोपवे निर्माण में देरी से व्यापारियों पर संकट! 600 से ज्यादा दुकानें प्रभावित, सावन में करोड़ों के नुकसान की आशंका

गोदौलिया व्यापार मंडल का दावा है कि रोपवे निर्माण के कारण रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है. इन इलाकों में करीब 600 से ज्यादा दुकानें हैं. सावन में व्यापार दोगुना होने की उम्मीद थी, लेकिन निर्माण कार्य में देरी से व्यापारियों को करीब 600 करोड़ रुपए का नुकसान होने जा रहा है.

बनारस में रोपवे निर्माण में देरी व्यापारियों के लिए मुसीबत! Image Credit:

वाराणसी में रोप-वे का काम पिछले साल भर से चल रहा है. इसके कारण गोदौलिया क्षेत्र के व्यापारियों को भारी नुकसान हो रहा है.  रोपवे के लिए खुदाई से मार्ग अवरुद्ध हैं, जिससे ग्राहक नहीं पहुंच पा रहे.  गोदौलिया व्यापार मंडल का कहना है कि सावन में व्यापार दोगुना होने की उम्मीद थी. लेकिन निर्माण कार्य में देरी से व्यापारियों को भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है.

गोदौलिया के दूध सट्टी पहुंचकर पिलर नंबर 29 के पाइलिंग के समय एक नाला निकल आया,  जिसे प्राचीन घोड़ा नाला बताया जा रहा है. इससे रोपवे का काम पूरा होने में और ज़्यादा वक़्त लग सकता है. यही कारण है कि गोदौलिया से दशास्वमेध और जंगमबाड़ी के इलाके में व्यापार बुरी तरह से प्रभावित है. बनारस का ये पूरा इलाका व्यापार के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है.

गोदौलिया इलाके का व्यापार बिल्कुल टूट गया है

गोदौलिया से दशाश्वमेध के इस पूरे इलाकों को हेरिटेज का दर्जा प्राप्त है. गोदौलिया व्यापार मंडल के संरक्षक श्री नारायण खेमका ने बताया कि पिछले छह महीने से गोदौलिया इलाके का व्यापार बिल्कुल टूट गया है. आसपास के जिलों से गोदौलिया आने के लिए एक यही रूट है और ये सारा इलाका खुदा पड़ा है. उनका कहना है कि सरकार और निर्माण एजेंसी के बीच समन्वय की कमी इस समस्या का मुख्य कारण है.

उन्होंने बताया कि जलकल, नगर निगम और रोप-वे बनाने वाली कंपनी एनएचएलएमएल में कोई कोआर्डिनेशन नहीं है. ये छह महीने से अलग-अलग जगहों पर खुदाई कर के सारे रास्ते बंद कर दिए हैं. खेमका ने कहा कि इन इलाकों में पैदल चलना भी मुश्किल है. दुखद ये है कि राहगीरों के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता भी नहीं दिया गया है, जिससे रोपवे का काम चलने तक आम लोगों को सहूलियत हो.

इन इलाकों में करीब 600 से ज्यादा दुकानें हैं

श्री नारायण खेमका ने बताया कि पिछले साल अप्रैल-मई से रोप वे के काम ने तेजी पकड़ी और गोदौलिया का बाज़ार मंदा पड़ते गया. सबसे पहले पिछले साल लग्न का बाज़ार गया. शादी -ब्याह का मौसम आया और चला गया. नवरात्र, दिवाली और होली में भी यही हुआ. लोग इस इलाके में रूट बंद होने की वजह से पहुंच नहीं पा रहे थे लिहाजा इस इलाके में खरीदारी से परहेज करने लगे हैं.

उन्होंने बताया कि ये पूरा इलाका ट्रेड हेरिटेज जोन है. इस इलाके में बनारसी साड़ी, कपड़े, गहने, हैंडीक्राफ्ट, फर्नीचर, पीतल और मोती की माला के पुराने मार्किट है. गली को छोड़ दें तो इन इलाकों में करीब 600 से ज्यादा दुकानें हैं जो ऑन रोड हैं. यहां सावन में व्यापार साधारण दिनों के मुकाबले डबल हो जाते हैं. तीज और रक्षाबंधन भी सावन में ही पड़ते हैं. इसी लिए सावन को ट्रेड सीज़न भी माना जाता है.

सावन में 600 करोड़ रुपए के नुकसान का डर

श्रीनारायण खेमका मानते हैं कि सावन में पर्यटकों की खरीदारी से व्यापारियों की कमाई बढ़ती है. इस सावन में व्यापारियों को करीब-करीब 600 करोड़ रुपए का नुकसान होने जा रहा है. इस सावन में वाराणसी के व्यापारियों को रोपवे निर्माण कार्य में देरी से भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह  निर्माण एजेंसियों में तालमेल की कमी और वैकल्पिक रास्ता मुहैया नहीं कराना है.