पहले गंगा स्नान, फिर विश्वनाथ दर्शन; कंधे पर बूढ़ी मां को बिठाकर तीर्थ कराने चले कलियुग के श्रवण कुमार

90 वर्षीय मां को कंधे पर बैठाकर कैमूर के श्रवण कुमार काशी पहुंचे है. ये श्रवण कुमार कहते हैं कि उन्होंने अपनी मां को हर पूर्णिमा के दिन काशी में गंगा स्नान कराने और बाबा विश्वनाथ के दर्शन कराने का प्रण लिया है. इनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं. जिसे देखकर लोग उनकी खूब सराहना कर रहे हैं.

पहले गंगा स्नान, फिर विश्वनाथ दर्शन; कंधे पर बूढ़ी मां को बिठाकर तीर्थ कराने चले कलियुग के श्रवण कुमार
वैसे तो कथा और कहानियों में आपने श्रवण कुमार के किस्से खूब सुने होंगे, लेकिन आज के जमाने में ना तो ऐसा देखने को मिलता है और ना ही सुनने को. लेकिन इसी जमाने में भी हम आपका परिचय एक श्रवण कुमार से कराने जा रहे हैं.
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पहले गंगा स्नान, फिर विश्वनाथ दर्शन; कंधे पर बूढ़ी मां को बिठाकर तीर्थ कराने चले कलियुग के श्रवण कुमार
यह श्रवण कुमार बिहार में कैमूर के रहने वाले राणा प्रताप सिंह हैं और अपनी 90 वर्षीय मां को कंधे पर बैठाकर उन्हें तीर्थ कराने निकले हैं. अभी ये श्रवण कुमार काशी में हैं.
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पहले गंगा स्नान, फिर विश्वनाथ दर्शन; कंधे पर बूढ़ी मां को बिठाकर तीर्थ कराने चले कलियुग के श्रवण कुमार
आधुनिक युग में लोग जहां अपने मां-बाप को बुढापे में वृद्धाश्रम छोड़ आ रहे हैं, वहीं ये अपने हाथों में मां को नहलाते हैं और भगवान की तरह अगरबत्ती दिखाकर मां की पूजा करते हैं.
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पहले गंगा स्नान, फिर विश्वनाथ दर्शन; कंधे पर बूढ़ी मां को बिठाकर तीर्थ कराने चले कलियुग के श्रवण कुमार
कहा कि हाल ही में उनके पिता की मौत हो गई थी. वह अपने पिता को तीर्थ नहीं करा पाए थे. इसका उन्हें मलाल है. कहते हैं उसी समय उन्होंने प्रण लिया था कि हर पूर्णिमा को अपनी मां को गंगा स्नान कराएंगे.
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इस संबंध में पूछने पर वह भावुक हो जा रहे हैं. कहते हैं कि माता-पिता के चरणों में सारे तीर्थ हैं. उन्हें खुशी है कि अपनी मां की सेवा और पूजा का अवसर मिल रहा है.
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बताया कि उन्होंने पहले मां को गंगा स्नान कराया और फिर बाबा विश्वनाथ के दरबार में पहुंचे. उनकी मां की बहुत पुरानी इच्छा थी बाबा विश्वनाथ के दर्शन की. यह इच्छा पूरी हो गई और अब हर पूर्णिमा को अपनी मां को लेकर वह यहां आएंगे.
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