
‘इमरजेंसी’ के 50 साल, ‘आपातकाल Vs अघोषित आपातकाल’
25 जून 1975 को ऑल इंडिया रेडियो पर गूंजी तत्कालीन प्रधानमंत्री की एक आवाज ने लोकतंत्र की तस्वीर और तासीर को बदल दिया था. तब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी का ऐलान करते हुए संदेश दिया कि, राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा की है और इसी ऐलान के बाद 21 मार्च 1977 तक सरकारी दमन की हर वो दास्तां दस्तावेजों में दर्ज है जब जुल्म की इंतेहा पार कर दी गई थी. विपक्ष के तमाम नेता जेल भेज दिए गए. प्रेस के पर कतर दिए गए. सारे मौलिक अधिकार शून्य में समा गए थे जबरन नसबंदी जैसे प्रयोग जनता पर किए गए और वो सब हुआ रायबरेली से इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द होने के बाद।
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