बदहाली और बेहाली का शिकार है बलिया का वो इलाका, जिसका नक्शा लंदन से बनकर आया था
लंदन के नक्शे पर बनाई गई बलिया की ये गलियां मौजूदा वक्त में कूड़े के ढ़ेर में तब्दील हो चुकी हैं. हांलाकि ये अब भी पुराने दौर की याद दिलाती हैं. आखिर ये गलियां शहर के लिए कैसे अहम हैं, आपको बताते हैं.
बलिया शहर की ये गलियां महज़ रास्ते नहीं बल्कि इंजीनियरिंग का एक नमूना भी हैं. ये पुराने समय के शहरी नियोजन प्रणाली का एक उदाहरण है. ब्रिटिश इंजीनियरों ने इन रास्तों को लंदन के नक्शे के आधार तैयार किया था.
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बलिया की इन पुरानी गलियों की सबसे बड़ी खूबी थी उनकी प्लानिंग. इन्हें इस तरह से डेवलप किया गया है कि हर बड़ी सड़क से करीब 50 मीटर की दूरी पर बनी ये गलियां वेंटिलेशन, सफाई और आवागमन के लिहाज से बेहद सुविधाजनक थीं.
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वक्त के साथ- साथ ये ऐतिहासिक गलियां आज कूड़े के ढ़ेर में तब्दील हो चुकी हैं. इन पर कहीं तो अतिक्रमण देखने को मिलता है, तो कहीं शौचालय के टैंक बना दिए गए हैं. अब ये पूरी तरीके से गंदगी का अड्डा बन गई हैं.
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इतिहासकारों का मानना है कि इन गलियों में लगाए गए ईंटों के खड़ंजे अभी भी मौजूद हैं. उनका दावा है कि कुछ फीट की खुदाई करने पर इसकी मूल संरचना सामने आ जाती ह. ये दिखाता है कि इस शहर को प्लानिंग के तहत बसाया गया था.
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ये गलियां पुरानी सामाजिक मान्यताओं के लिहाज से भी अहम थीं. पुराने लोग बताते हैं कि जब पुरुष, मेहमानों के साथ बाहर बैठे होते थे तो महिलाएं इन गलियों से निकलकर अपने काम आसानी से निपटा लेती थीं.
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लोगों का कहना है कि अगर इन्हें साफ-सुथरा करके डेवलप किया जाए, तो ये एक बार फिर से जीवित हो उठेंगी. जानकारों का मानना है कि ये गलियां शहर के लिए काफी अहम साबित हो सकती हैं.