बिकरू कांड के 5 साल बाद पुलिसकर्मियों को नोटिस, लौटाने होंगे 6.5 लाख
विकास दुबे के बिकरू कांड में घायल हुए उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों को इलाज के लिए 6.5 लाख रुपये दिए गए थे. पांच साल बाद, उन्हें यह राशि वापस करने का नोटिस मिला है. पुलिसकर्मियों ने इस पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह राशि सरकार की ओर से मदद के तौर पर स्वेच्छा से दी गई थी.

कानपुर में बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस पर उसके गैंग के लोगों ने हमला कर दिया था. इस घटना में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी. इसी घटना के समय घायल पुलिसकर्मियों को इलाज के लिए पैसे दिए गए थे, जिसे अब वापस करने की नोटिस आई है.
विकास दुबे के गैंग की ओर से की गई गोलीबारी में घायल यूपी पुलिस के जवानों को इलाज के लिए साढ़े छह लाख रुपये दिए गए थे, जिसे अब वापस करने की नोटिस जारी की गई है. इस तरह की नोटिस मिलने के बाद से हर कोई हैरान है. इसके साथ ही नोटिस में पैसे को वापस करने के लिए समयसीमा भी तय की गई है. नोटिस में 15 दिन के अंदर साढ़े 6 लाख रुपये वापस करने की बात कही गई है. इस नोटिस के मिलने के बात पुलिसकर्मियों ने इसके बारे में जेसीपी मुख्यालय विनोद कुमार सिंह को इसकी जानकारी दी.
2020 में बिकरू गांव में हुई थी ये घटना
दो जुलाई 2020 को पुलिस की टीम बिकरू गांव गई थी. पुलिस की टीम अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए गई थी. लेकिन उसकी गैंग के लोगों ने पुलिस टीम को ही घेर लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे थे. अपराधियों के इस हमले में कुल आठ पुलिस के जवानों की मौत हो गई थी. इसमें यूपी पुलिस के सीओ रैंक के अधिकारी भी शामिल थे.
उस समय हुए इस हमले में बिठूर थाना के कौशलेंद्र सिंह, दरोगा सुधाकर पांडेय, अजय कश्यप, सिपाही शिव मूरत, अजय सिंह बच गए थे लेकिन, वो बुरी तरह से घायल हो गए थे. सभी घायल पुलिसकर्मियों का इलाज रीजेंसी अस्पताल में किया गया था.
हर महीने सैलरी से 20 प्रतिशत की कटौती
सरकार की ओर से सभी घायल पुलिसकर्मियों को 6.50 लाख रुपये इलाज के लिए दिए गए थे. फिर 5 साल बाद सभी पुलिसकर्मियों को हेडक्वार्टर से नोटिस भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें 6.50 लाख रुपये वापस करना होगा. साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर समय पर पैसे वापस नहीं किए गए तो उनकी सैलरी का 20 प्रतिशत हिस्सा हर महीने कार लिया जाएगा.
इस मामले में कौशलेंद्र प्रताप सिंह सहित और भी दूसरे पुलिसकर्मियों ने जेसीपी विनोद कुमार सिंह से मुलाकात की. उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमारी ओर से इलाज के लिए किसी भी तरह की मदद की मांग नहीं की गई थी, सरकार ने खुद ही पैसा दिया था. अगर इन्हें पैसा वापस ही करवाना था तो इसकी जानकारी उसी समय दे देता. अब इस मामले में जेसीपी की ओर से सभी को आश्वासन दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी के तर्कों के साथ हेडक्वार्टर को जवाब भेजा जाएगा.
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