पेड़ उगाएंगे पैसे, कानपुर मंडल में शुरू हुई कार्बन क्रेडिट योजना
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी कार्बन क्रेडिट योजना अब कानपुर में शुरू हुई है. इस योजना से किसान पेड़ लगाकर कार्बन अवशोषण के बदले धनराशि ले सकेंगे. हर किसान को कम से कम 25 पेड़ लगाने होंगे. यह योजना पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आय वृद्धि में सहायक होगी. जैसा कि दूसरे मंडलों में पहले ही देखा गया है जहां करोड़ों रुपये किसानों को बांटे जा चुके हैं. इसमें वन विभाग किसानों को पौधे उपलब्ध कराएगा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में सहायता करेगा.

आमतौर पर किसी चीज के नुकसान पर कहावत की जाती है कि क्या पैसे पेड़ पर उगते है? अब यह कहावत सही में चरितार्थ होती दिख रही है? केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी कार्बन क्रेडिट योजना अब कानपुर मंडल में शुरू हो गई है. इस योजना के तहत किसानों को अपने खेतों और दूसरी जगहों पर पेड़ लगाकर पैसे कमाने का का सुनहरा अवसर मिलेगा. पेड़ों से अवशोषित कार्बन की मात्रा के आधार पर किसानों के बैंक खातों में धनराशि जमा की जाएगी. इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है.
योजना के तहत हर किसान को कम से कम 25 पेड़ लगाने होंगे. पेड़ों की संख्या, जमीन का विवरण और उनकी सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी वन विभाग को देनी होगी. वन विभाग तेजी से बढ़ने वाले पौधे उपलब्ध कराएगा, जिन्हें लगाकर किसान कार्बन क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे. डीएफओ ने बताया कि यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण के साथ किसानों की आय बढ़ाने का एक अनूठा प्रयास है. उन्होंने कहा कि किसानों को पौधों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी, ताकि कार्बन अवशोषण की प्रक्रिया प्रभावी रहे.
किस मंडल को दी गई कितनी राशि?
यह योजना उत्तर प्रदेश के कई मंडलों में पहले से संचालित हो रही है और अब तक कई किसानों को इसका लाभ मिल चुका है. गोरखपुर मंडल में 34.66 करोड़ रुपये, बरेली मंडल में 24.84 करोड़ रुपये, लखनऊ मंडल में 21.26 करोड़ रुपये, मेरठ मंडल में 21.67 करोड़ रुपये, मुरादाबाद मंडल में 38.05 करोड़ रुपये और सहारनपुर मंडल में 61.52 करोड़ रुपये की राशि किसानों को वितरित की जा चुकी है.
कानपुर मंडल में यह योजना गुरुवार से लागू हो गई है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कार्बन क्रेडिट योजना न केवल पर्यावरण को हरा-भरा बनाने में मदद करेगी, बल्कि किसानों के लिए एक स्थायी आय का स्रोत भी बनेगी. किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए वन विभाग से संपर्क कर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यह परियोजना केंद्र सरकार की हरियाली और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में सहायक होगी.
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