स्वास्थ्य विभाग में बड़ी गड़बड़ी, वायरल हुआ था CMO का ऑडियो; क्या गिरेगी गाज हटेंगे? DM ने भेजी रिपोर्ट
कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) गंभीर आरोपों के घेरे में हैं. जिलाधिकारी ने कई शिकायतों और निरीक्षणों के बाद शासन को पत्र लिखकर डॉ. नेमी को पद से हटाने की सिफारिश की है. उनपर फर्जी हाज़िरी, वित्तीय अनियमितताएं और तबादलों में अनियमितताएं शामिल हैं.

कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त नेमी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उन पर डॉक्टरों के उत्पीड़न, कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार, और शासनादेशों को न मानने का आरोप लगाया गया है. इस मामले में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को पत्र लिखकर डॉ. नेमी को पद से हटाने की बात कही है.
जिले के कई वरिष्ठ डॉक्टरों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपकर बताया कि सीएमओ की ओर से मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न किया जा रहा है. डॉक्टरों ने इनके आचरण और व्यवहार सही न होने के भी कई आरोप लगाए हैं. इन शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारी ने शासन को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है.
डीएम ने अपने पत्र में बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत खाली पदों का विज्ञापन उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किया गया. साथ ही, इंटरव्यू के रिजल्ट भी निर्धारित समय पर जारी नहीं किए गए हैं. इसके अलावा, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ. वंदना सिंह को उनके पदेन दायित्वों से हटाकर गैर-वित्तीय सेवा कर्मी को नियुक्त किया गया, जो नियमों का उल्लंघन है.
स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति खराब
जिलाधिकारी ने बताया कि अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरएन सिंह सहित कई चिकित्सकों के 10 दिनों में 9 बार तबादले किए गए. यह प्रक्रिया असामान्य और मानसिक उत्पीड़न की श्रेणी में आती है. डीएम ने इसे नियमों की खुली अवहेलना बताया है. जिलाधिकारी के निरीक्षण में जिले के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति ज्यादा खराब पाई गई. कई केंद्रों पर डॉक्टरों की फर्जी हाजिरी, रिकॉर्ड में हेराफेरी, और लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई न होने की बात सामने आई. सीएमओ का प्रशासनिक नियंत्रण भी बेहद कमजोर पाया गया.
हाल ही में सीएमओ के ड्राइवर का एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें पैसे के लेन-देन की बात सामने आई है. इस घटना ने सीएमओ पर संदेह को और गहरा दिया. जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सीएमओ को कई बार कार्यशैली सुधारने के निर्देश दिए गए, लेकिन उनका पालन नहीं हुआ. शिकायतों और निरीक्षणों से सामने आए तथ्य गंभीर हैं, जिसकी वजह से शासन को कार्रवाई की सिफारिश की गई है. शासन से जल्द कार्रवाई की उम्मीद है.
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