चंदन से महकेगा प्रयागराज, सालाना 100 किसान इसकी लकड़ी से करेंगे मोटी कमाई

फसलों के साथ वृक्षों से भी अधिक आमदनी हो, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयास कर रही है. से में, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बाद अब यूपी में भी चंदन का वन विकसित करने का प्रयास सरकार कर रही है.

प्रयागराज में चंदन के वृक्ष की तैयारी Image Credit:

चंदन दुनिया की सबसे मूल्यवान कारोबारी लकड़ी है. जिसे वर्तमान में लकड़ी और तेल के लिए विश्व स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है. चंदन की इस लकड़ी की मांग और इसकी महंगी कीमत किसानों के लिए आमदनी का बड़ा जरिया बन सकती हैं. ऐसे में, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बाद अब यूपी में भी चंदन का वन विकसित करने का प्रयास सरकार कर रही है. प्रयागराज में तो इसके लिए जून से एक प्रोजेक्ट शुरू हो गया है.

चंदन से महकेगी किसानों की बगिया

फसलों के साथ वृक्षों से भी अधिक आमदनी हो, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयास कर रही है. पारिस्थितिक पुनर्स्थापन केंद्र प्रयागराज की तरफ से ये शुरुआत हो रही है. केंद्र के प्रमुख डॉ संजय सिंह बताते हैं कि इसके लिए 27 लाख का बजट सरकार ने दिया है. प्रोजेक्ट समन्वयक डॉक्टर आलोक यादव और डॉक्टर अनुभा श्रीवास्तव बताती हैं कि 5 वर्ष का ये प्रोजेक्ट है. जिसमें चंदन की नर्सरी लगाने से लेकर किसानों को इसकी बागवानी के लिए ट्रेनिंग देने का काम होगा.

सालाना 100 किसानों को ट्रेनिंग

इस प्रॉजेक्ट के अंतर्गत संस्थान हर साल 100 किसानों को प्रशिक्षण देगा. किसानों के साथ इसमें नर्सरी तैयार करने वाले वन विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. किसानों को ट्रेनिंग देने के बाद जहां-जहां बड़ी मात्रा में इसकी खेती हो रही है, वहां उन्हें भ्रमण कराया जायेगा.आलोक यादव बताते हैं कि चंदन के तेल और लकड़ी की बाजार में बहुत मांग है कन्नौज के सुगंध बाजार में इसकी काफी खपत है.

बुंदेलखंड के लिए वरदान होगी पहल

चंदन के लिए विषम जलवायु उपयुक्त होती है. इसे अधिक तापमान वाली सामान्य भूमि में कम पानी में उगाया जा सकता है. इस लिहाज से बुंदेलखंड में भी इस मॉडल का प्रयोग किया जायेगा. महत्वपूर्ण बात ये है कि सर्वे के बाद ये भी पाया गया कि बुंदेलखंड के प्राकृतिक वनों के अंदर भी चंदन के वृक्ष मिले हैं. चंदन अर्ध परजीवी वृक्ष है जो हल्दी, सूरन और अरहर के साथ रह सकता है क्योंकि इन्हीं पौधों को यह अपना होस्ट बनाता है.