ट्रेड फैसिलिटी सेंटर, नमो घाट… मोदी सरकार के 11 साल में काशी में क्या बदला?

मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने पर, उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हुए बदलावों पर नज़र डालते हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, ट्रेड फैसिलिटी सेंटर, स्वच्छता अभियान जैसे कई अहम बदलावों ने यहां की तस्वीर बदल दी है. इन परियोजनाओं ने न केवल शहर का विकास किया है बल्कि, रोज़गार के अवसर भी बढ़ाए हैं. जानते हैं इन 11 सालों में कितनी बदली वाराणसी.

मोदी सरकार में 11 साल में क्या बदलाव हुए?

मोदी सरकार की ये तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ है. यानी कि मोदी सरकार के 11 साल पूरे हो गए हैं. पीएम मोदी की अगुवाई में देश ने इन 11 सालों में एक लम्बा सफर तय किया है. लेकिन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इन 11 सालों में क्या बदलाव आएं? ये जानना भी बेहद दिलचस्प होगा कि मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में इन 11 सालों में वो कौन से 11 बड़े बदलाव हैं जिनकी वजह से बनारस की तस्वीर बदल गई और ये शहर के चर्चा में बना रहा.

ट्रेड फैसिलिटी सेंटर

पूर्वांचल के बुनकरों की आर्थिक हालात में बदलाव लाने, बनारसी साड़ी की ब्रांडिंग करने और बनारस सहित पूर्वांचल के हैंडीक्राफ्ट को बाजार दिलाने के उद्देश्य से पीएम मोदी ने 7 नवंबर 2014 को अपने संसदीय क्षेत्र बनारस को ट्रेड फैसिलिटी सेंटर की सौगात दी थी. 22 दिसंबर 2016 को इसके पहले चरण का पीएम ने उद्घाटन किया था. फिलहाल, ये पूरी तरह फंक्शन में है. पूर्वांचल के बुनकर यहां अपने प्रोडक्ट एक्सहिबिशन लगाते हैं और उनको प्रोमोट करते हैं. विदेशी बायर्स भी यहां एक्सहिबिशन देखने आते हैं और इससे बुनकरों और शिल्पियों को ना सिर्फ प्रोडक्ट के ऑर्डर्स मिलते हैं बल्कि, इनके प्रोडक्ट की ग्लोबल ब्रांडिंग भी होती है.

यह परियोजना 7.93 एकड़ में फैली है, जिसका निर्मित क्षेत्रफल 43,450 वर्ग मीटर है. परिसर की अनुमानित लागत 300 करोड़ रुपये है. ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में व्यापार सुविधा केंद्र के अंतर्गत बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर सहित तीन अतिरिक्त फ्लोर निर्मित किए गए हैं. दो स्तरीय बेसमेंट में लगभग 400 चार पहिया वाहन खड़े हो सकते हैं. भूतल पर कार्यालय के अतिरिक्त 11 मार्ट, लगभग 2000 व्यक्तियों की क्षमता का कन्वेंशन सेंटर, फूड कोर्ट, 14 दूकानें, पूछताछ केंद्र, प्रवेश प्लाजा, गैलरी तथा एंफीथिएटर है.

काशी में स्वच्छता अभियान की शुरुवात

पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को नई दिल्ली के राजघाट से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुवात की थी. लेकिन, काशी में 8 नवंबर 2014 को पीएम मोदी ने अस्सी घाट के बगल में फावड़ा चलाकर और जगन्नाथ मंदिर वाली गली में झाड़ू लगाकर काशी में स्वच्छता अभियान की शुरुवात की. पीएम मोदी ने जहां फावड़ा चलाया आज वो जगह नए अस्सी घाट के नाम से जाना जाता है. आज यहां काशी के आध्यात्म-संगीत और योग की त्रिवेणी बहती है. जिसे सुबह-ए- बनारस के नाम से जानते हैं. इसे देखने के लिए दुनिया भर से लोग काशी आते हैं. अब अस्सी घाट पर भी गंगा आरती का आयोजन होता है.

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर

पीएम नरेंद्र मोदी ने विश्वनाथ मंदिर के विस्तारीकरण और पुनरोद्धार के लिये 8 मार्च, 2019 को विश्वनाथ मंदिर कॉरीडोर का शिलान्यास किया था. तब इसको लेकर काफी नाराज़गी और आक्रोश भी दिखा था. लेकिन, तमाम विरोध के बावजूद शिलान्यास के लगभग 2 साल 9 महीने बाद पीएम ने 13 दिसंबर 2021 को इस ड्रीम प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया.

पूरे कॉरिडोर को लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है. इसका मुख्य दरवाज़ा गंगा की तरफ़ ललिता घाट से होकर है. विश्वनाथ कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है. पहला, मंदिर का मुख्य भाग है जो लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है. इसमें 4 बड़े-बड़े गेट लगाए गए हैं. इसके चारों तरफ एक प्रदक्षिणा पथ बनाया गया है. उस प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं, जिनमें काशी की महिमा का वर्णन है.

कॉरिडोर में 24 भवन भी बनाए जा रहे हैं. इन भवनों में मुख्य मंदिर परिसर, मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूज़ियम, वाराणसी गैलरी, जलपान केंद्र गंगा व्यू कैफ़े आदि हैं. धाम की चमक बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की 5,000 लाइटें लगायी गई हैं.

टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट

पीएम मोदी ने पूर्वांचल समेत पूर्वी भारत के कैंसर के मरीजों को एक बड़ी सौगात दी. होमी भाभा कैंसर अस्पताल वाराणसी में कैंसर रोगियों के लिए एक बड़ी उम्मीद है. 2019 में टाटा मेमोरियल सेंटर और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित किया गया था और इसका नाम टाटा मेमोरियल सेंटर के संस्थापक निदेशक होमी जे. भाभा के नाम पर रखा गया है.
कैंसर अस्पताल की कुल बिस्तर क्षमता 300 है. जिसमें, 100 इन-पेशेंट बेड और 200 डे केयर बेड शामिल हैं. इसमें 100 से ज़्यादा डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्वास्थ्य सेवा पेशेवर काम करते हैं. यह केंद्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें लीनियर एक्सेलेरेटर, साइक्लोट्रॉन और पीईटी-सीटी स्कैनर शामिल हैं.

एचबीसीएच कैंसर देखभाल सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा और उपशामक देखभाल शामिल है. इसमें एक समर्पित अनुसंधान विंग भी है जो नए कैंसर उपचारों के विकास में सक्रिय रूप से भाग लेता है. एचबीसीएच की स्थापना भारत में कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.इसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश और आस-पास के क्षेत्र के लोगों को सस्ती और सुलभ कैंसर देखभाल प्रदान करना है, जिसकी अनुमानित क्षमता सालाना 10,000 से ज्यादा रोगियों का इलाज करने की है.

वाराणसी में ई रिक्शा की सौगात

शहर के प्रदूषण को कम करने और लोगों को स्वरोज़गार देने के लिए 1 मई 2016 को पीएम मोदी ने 1000 लोगों को ई-रिक्शा सौंपकर एक नई परिवहन व्यवस्था की शुरुवात की. हालांकि, प्लानिंग न होने और सरकारी महकमों में कोऑर्डिनेशन के अभाव में आज ई रिक्शा सर दर्द बने हुए हैं. लेकिन, इससे शहर के एक बड़े तबके को रोज़गार तो मिला ही है साथ में प्रदूषण को कम करने में भी इसकी भूमिका है.

फुलवरिया फोर लेन की सौगात

फुलवरिया फोर लेन वाराणसी के लोगों के लिए एक ऐसी सौगात है जिसका, जिक्र पीएम आज भी करते हैं. शिवपुर से लहरतारा तक कुल सात किलोमीटर का ये फोर लेन वाराणसी के दक्षिणी हिस्से को शिवपुर होते हुए हरहुआ के रास्ते एयरपोर्ट तक जोड़ता है. घंटों की दूरी को घटा कर मिनटों तक लाता है. फुलवरिया फोर लेन का निर्माण 2018 में शुरू हुआ और 17 दिसंबर 2023 को पीएम ने इसका लोकार्पण किया.

गंजारी क्रिकेट स्टेडियम

23 सितंबर 2023 को पीएम मोदी ने वाराणसी के गंजारी में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया. बीसीसीआई द्वारा बनवाया जा रहा ये स्टेडियम 30 एकड़ में 450 करोड़ की लागत से बन रहा है. 30 हजार दर्शकों की क्षमता वाले स्टेडियम का लुक काशी की परम्परा के अनुरूप होगा. ये भगवान शिव को समर्पित होगा. स्टेडियम में डमरू और त्रिशूल की आकृति के साथ-साथ बेलपत्र के आकार और घाट की आकृति वाले स्ट्रक्चर दिखेंगे. टी 20 2026 के कुछ मैच यहां कराने की तैयारी है.

नमो घाट

नमो घाट वाराणसी के 84 घाटों से अलग एक व्यावसायिक घाट के तौर पर विकसित किया गया है. ये वाराणसी का पहला ऐसा घाट है जो कि सड़क, नदी और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है.
करीब 21 हज़ार वर्ग मीटर में बने इस घाट की लागत 34 करोड़ है. जो कि लगभग आधा किमी लम्बा है. 2019 में इसका शिलान्यास पीएम मोदी ने किया था. इसके निर्माण में मेक इन इंडिया और वोकल फॉर लोकल का भी समावेश दिखता है. यहां पर्यटक सुबह-ए-बनारस की आरती, वाटर एडवेंचर, योगा जैसे कार्यक्रम होते हैं. इस घाट पर गेल इंडिया की तरफ से एक फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन भी लगाया गया है. इस घाट से क्रूज़ के ज़रिए वाराणसी और आसपास के शहरों में भी लोग जाते हैं.

देश का पहला अर्बन रोप वे : बनारस रोप वे

वाराणसी रोपवे देश का पहला अर्बन रोप वे होगा. यानी कि शहर के बीचो-बीच भारी भीड़ वाली आबादी के ऊपर से गुजरने वाला रोप वे. काशी की भीड़भाड़ को देखते हुए ये रोपवे प्रोजेक्‍ट लाया गया है. 807 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना की नींव 24 मार्च 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल पीएम की महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना को लागू किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि ऐतिहासिक शहर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम तेजी से हो रहा है.

रोपवे के संचालन के लिए ऑस्ट्रिया की एक्सपर्ट कंपनी रोप एक्सपर्ट्स के इंजीनियर द्वारा रोप पुलिंग किया गया है. इसके बाद 30 जनवरी 2025 से ट्रायल रन का काम शुरू हुआ था जो अप्रैल 2025 में सफलतापूर्वक पूरा हो गया. रोप के संचालन के लिए सभी उपकरणों और टेस्टिंग का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. रोपवे के संचालन के लिए तीनों स्टेशन के सभी उपकरणों के इंस्टॉलेशन का 98 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. सितंबर में बाबा विश्वनाथ के भक्तों को रोप वे की सौगात देने की योजना है.

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर

वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को भारत -जापान मित्रता के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है. 2015 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय शिंजो आबे पीएम मोदी के साथ वाराणसी के दौरे पर आए थे. तब जापान ने गिफ़्ट के रूप में ये कन्वेंशन सेंटर काशी को दिया था.
200 करोड़ की लागत से 2.78 हेक्टेयर में बने इस शानदार कन्वेंशन सेंटर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक और आर्थिक मामलों के कार्यक्रम होते हैं. कन्वेंशन सेंटर की छत शिवलिंग की आकृति का, जबकि इमारत के बीच 108 रुद्राक्ष की आकृति स्थापित की गई है.

सिगरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स

20 अक्टूबर 2024 के दिन संपूर्णानंद सिगरा स्टेडियम को विकसित कर सिगरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की सौगात पीएम मोदी ने बनारस को दी. वाराणसी सहित पूर्वांचल के वो बच्चे जो क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में अपना करियर बनाना चाहते हैं उनके लिए ये किसी धरोहर से कम नहीं है.

वाराणसी के मध्य में स्थित सिगरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स 1,50,000 वर्ग फीट में फैला हुआ है और इसे 320 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया है. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी के लिए डिज़ाइन किए गए इस कॉम्प्लेक्स में देश भर में खेलों और एथलीटों को बढ़ावा देने वाली अकादमियां हैं. सुविधाओं में बैडमिंटन, स्क्वैश, टेबल टेनिस, जूडो, कराटे, मार्शल आर्ट, कुश्ती, ताइक्वांडो और मुक्केबाजी के लिए कोर्ट शामिल हैं. इसके अलावा इसमें 2 हजार सीटों वाली दर्शक गैलरी, एक वार्म-अप पूल, एक ओलंपिक आकार का स्विमिंग पूल, एक जिम, एक कैफे और एक लाउंज है.