अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि… काशी विश्वनाथ में हुआ शांति पाठ, दशाश्वमेध घाट पर 1100 दीप जलाए
अहमदाबाद विमान हादसे में दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर के नवग्रह मंडप में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शांति पाठ किया गया. मंदिर के आचार्यों और पुजारियों ने दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना की. इस हादसे में हताहत हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि ने 1100 दीप जलाए गए.
अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर ने पूरे देश को झकझोरकर रख दिया है. हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौत की पुष्टि हो चुकी है. विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति के लिए काशी में श्रद्धा और संवेदना का भाव देखने को मिला. काशी विश्वनाथ मंदिर के नवग्रह मंडप में एक विशेष शांति पाठ का आयोजन किया गया. मंदिर के आचार्यों और पुजारियों ने वैदिक मंत्रों के साथ दिवंगत आत्माओं के लिए प्रार्थना की.
1100 दीप जलाकर दी श्रद्धांजलि
हादसे में हताहत हुए लोगों को श्रद्धांजलि का सिलसिला गंगा घाट पर भी दिखाई दिया. दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से गंगा आरती से पहले 1100 दीप जलाकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई. घाट पर हजारों श्रद्धालु और पर्यटक जुटे और सभी ने दो मिनट का मौन रखकर हादसे में जान गंवाने वालों को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी.
संवेदनशील है बनारस की परंपरा
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा की अगुवाई में ये आयोजन हुआ, जिसमें शामिल हर व्यक्ति के चेहरे पर दुख और संवेदना झलक रही थी. गंगा आरती के दौरान जब दीपों की रोशनी और मंत्रों की ध्वनि गूंजी, तो घाट का माहौल पूरी तरह भावुक हो उठा. काशी ने अपने पारंपरिक और आध्यात्मिक तरीके से यह संदेश दिया कि चाहे पीड़ा कहीं भी हो, बनारस हमेशा इंसानियत और प्रार्थना के साथ खड़ा रहता है। यह श्रद्धांजलि सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक संवेदनशील समाज की परंपरा है.