कौन है गोरखपुर का हिस्ट्रीशीटर चंदन? जिसे मर्डर केस में हुई उम्र कैद; दर्ज हैं हत्या समेत 45 संगीन मुकदमे
गोरखपुर के कुख्यात बदमाश चंदन को साल 2012 के संतोष हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. 14 साल पहले दिनदहाड़े हुई इस गोलीबारी में संतोष सिंह की मौत हो गई थी. चंदन पहले से ही रंगदारी के मामले में जेल में बंद है. उसके खिलाफ कई अन्य हत्या और रंगदारी के मामले दर्ज हैं.

सीएम सिटी गोरखपुर के कुख्यात बदमाश चंदन को संतोष हत्याकांड में उम्र कैद की सजा हुई है. रंगदारी मामले में छह साल की सजा काट रहे चंदन को अब ताउम्र जेल में रहना होगा. इस बदमाश ने 13 नवंबर 2012 को गोरखपुर के डोहरिया बाजार में दिन दहाड़े गोली मारकर संतोष सिंह की हत्या की थी. वारदात के दिन दीवाली थी और संतोष अपने भतीजे मुकेश के साथ बाजार में कुछ खरीदारी करने के लिए आए थे. पुलिस ने मुकेश की ही तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
घटना के 14 साल बाद कोर्ट ने आरोपी बदमाश देवकी नंदन उर्फ चंदन को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 52 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. चंदन फिलहाल रंगदारी के एक मुकदमे में छह साल की सजा काट रहा है और गौतमबुनगर की जेल में बंद है. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र दुबे एवं अतुल शुक्ला के मुताबिक चंदन के खिलाफ हत्या के छह मुकदमे लंबित हैं.इसी प्रकार हत्या के प्रयास के 8 अन्य मुकदमों समेत वह 45 से अधिक मुकदमों में वांछित था.
चिलुआताल का रहने वाला है चंदन
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक गोरखपुर के चिलुआताल के कुसहरा गांव निवासी चंदन को कई मामलों में सजा हो चुकी है. वहीं बाकी मामलों में सुनवाई जारी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक चंदन ने हत्या की पहचानी वारदात साल 2006 में अपने ही गांव के दुकानदार प्रेम सागर सिंह की जान लेकर की थी. इस बदमाश ने मामूली विवाद में इस वारदात को अंजाम दिया था. छह साल बाद उसने डोहरिया बाजार में संतोष सिंह को गोली मारी.
सिंचाई विभाग के इंजीनियर से मांगी थी रंगदारी
संतोष हत्याकांड के बाद ही चंदन अपराध की दुनिया में कुख्यात हो गया. हालांकि संतोष के भतीजे मुकेश की कोशिशों के चलते अब उसे उम्रकैद की सजा हो चुकी है. हालांकि इसके लिए मुकेश और उसके पिता को कई बार जान से मारने की धमकी भी मिली, हालांकि वह पीछे नहीं हटे. पुलिस के मुताबिक साल 2015 में बदमाश चंदन ने सिंचाई विभाग के इंजीनियर भानुताप सिंह से रंगदारी मांगी थी. नहीं देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी. यही नहीं, इस बदमाश ने भानुप्रताप पर गोली भी चलाई थी.
पुलिस कस्टडी से भाग चुका है दो बार
इस मामले में कोर्ट ने अक्तूबर 2023 में इस बदमाश को 6 साल की सजा सुनाई थी. इसी मामले में यह बदमाश फिलहाल गौतमबुद्ध नगर की अदालत में सजा काट रहा है. पुलिस के मुताबिक यह बदमाश दो बार पुलिस की कस्टडी से फरार हो चुका है. पहली बार 14 अगस्त 2013 को संत कबीरनगर कोर्ट में पेशी के बाद लौटते समय यह देवरिया में ट्रेन से कूद कर भाग गया था. हालांकि एक साल बाद 18 अगस्त 2014 को इसे पकड़ लिया गया. फिर यह 31 मई 2016 को भी आगरा के एक अस्पताल से पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था.
लग चुका है गैंगस्टर एक्ट
इस बदमाश के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है. इस बदमाश के गैंग की लिस्टिंग डी -9 गैंग के रूप में हुई है. इस गैंग में चंदन खुद गैंग लीडर है. वहीं उसके भाई नंदन समेत 18 लोग गैंग के सदस्य हैं. पुलिस ने बताया कि यह बदमाश रंगदारी के लिए कुख्यात था. यह बड़े व्यवसायियों और ठेकेदारों से रंगदारी मांगता था और नहीं देने पर उनके ऊपर खुद या फिर अपने साथियों से फायरिंग कराता था.
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