उत्तर प्रदेश में बरेली में दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग और गोरखपुर में NEET छात्र की हत्या के मामलों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं. इन दोनों ही मामलों में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों को पकड़ने का भरोसा दिलाया था, लेकिन तीन दिन बाद भी अब तक गिरफ़्तारी तो दूर, बदमाशों की पहचान तक नहीं हो सकी है. दोनों ही मामलों में पीड़ित परिवारों ने पुलिस की सुस्ती पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
पूर्वांचल के कुख्यात माफिया डॉन बृजेश सिंह बचपन में एक मेधावी छात्र हुआ करते थे. ख्वाब देखा था कि उन्हें आईएएस बनना है. लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि बचपन के मासूम अरुण कुमार सिंह, कब खूंखार बृजेश सिंह बन गए, उन्हें खुद पता नहीं चला. पिता की हत्या के बदला लेने के लिए अपराध की दुनिया में उतरे बृजेश सिंह की हनक आज भी कायम है.
उत्तर प्रदेश में बाहुबली नेता और माफिया अक्सर एक जैसे नंबर वाली गाड़ियों के काफिले से चलते हैं. काफिले में शामिल गाड़ियों पर लिखे 0786, 0001, 0108 जैसे नंबर ही उनकी पहचान बन गए हैं. पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी 0786 नंबर वाली गाड़ियों से चलते थे, वहीं माफिया डॉन अतीक अहमद को 0786 नंबर से प्रेम था. कुंडा विधाय राजा भैया (0001, 0072) नंबर वाली गाड़ियों के काफिले में चलते हैं तो बृजेश सिंह को 0108 से लगाव है.
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में सपा नेता और बाहुबली सोनू सिंह ने भाजपा विधायक विनोद सिंह पर 5 करोड़ रुपये की सुपारी देकर अपने भाई मोनू सिंह की हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाया है. सोनू सिंह का दावा है कि विनोद सिंह ने कुख्यात सुपारी किलर मुन्ना बजरंगी को यह काम सौंपा था. इसके लिए अप्रैल 2013 को वह खुद मुन्ना बजरंगी से मिलने के लिए सुल्तानपुर जेल गए थे.
सुल्तानपुर के बाहुबली सोनू-मोनू और विनोद सिंह के बीच लंबे समय से चली आ रही खूनी रंजिश किसी फिल्मी कहानी की तरह है. इसमें एक्शन है, रोमांच है और रहस्य भी है. इस कहानी की शुरूआत सोनू सिंह के पिता की हत्या के साथ ही हो गई थी, जो अब तक बदस्तूर जारी है. लेकिन कैसे, यहां पढ़ लीजिए इनके रंजिश की पूरी कहानी.
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में बीजेपी के दो विधायकों के बीच टकराव की नौबत आ गई है. कारण बनी है सपा नेता सोनू-मोनू (बाहुबली भाइयों) के पिता की मूर्ति. एक विधायक ने मूर्ति हटाने की मांग की है और डीएम को पत्र लिखा है. वहीं दूसरे ने इसका विरोध किया है. अब यह विवाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है.
यूपी में एक साथ छह जिलों में एक ही पद पर सरकारी नौकरी करने और सभी जगह से अलग अलग वेतन उठाने को लेकर आगरा के अर्पित सिंह ने इस समय सुर्खियों में हैं. अर्पित सिंह के नाम पर सरकारी नौकरियों में यह धांधली साल 2016 में हुई भर्ती के दौरान हुई थी. यह भर्ती UPSSSC ने कराई थी, लेकिन अधिकारियों से मिलीभगत कर पांच अलग अलग लोग फर्जीवाड़ा कर अलग स्थानों पर अर्पित सिंह के नाम से नौकरी करने लगे.
सुल्तानपुर के बाहुबली नेता सोनू और मोनू ने अपनी जान का खतरा जताया है. इसी के साथ 26 साल पुरानी दुश्मनी में बीजेपी नेता विनोद सिंह से उनका विवाद गहरा गया है. कोर्ट में हथियार मिलने के बाद सोनू सिंह ने इस संबंध में शिकायत भी दर्ज कराई है. उन्होंने इस दुश्मनी के क्रम में अपने पिता की मूर्ति को लेकर भी विवाद का भी उल्लेख किया है.