दार्जिलिंग से नाबालिग छात्रा को भगाकर लाने वाला मौलाना पहुंचा सलाखों के पीछे… पुलिस ने मुरादाबाद से किया गिरफ्तार

दार्जिलिंग के पहाड़ों से शुरू हुई साजिश का खुलासा आखिरकार मुरादाबाद में हो गया. यहां की सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने आरोपी मौलाना को हिरासत में ले लिया. दार्जिलिंग जिले के एक मदरसे में पढ़ाने वाला मौलाना मोहम्मद अलाउद्दीन पहले से शादी-शुदा है. उसके तीन बच्चे भी हैं, फिर भी उसने पढ़ने वाली 17 साल […]

मौलाना अलाउद्दीन

दार्जिलिंग के पहाड़ों से शुरू हुई साजिश का खुलासा आखिरकार मुरादाबाद में हो गया. यहां की सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने आरोपी मौलाना को हिरासत में ले लिया. दार्जिलिंग जिले के एक मदरसे में पढ़ाने वाला मौलाना मोहम्मद अलाउद्दीन पहले से शादी-शुदा है. उसके तीन बच्चे भी हैं, फिर भी उसने पढ़ने वाली 17 साल की नाबालिग छात्रा को अपने प्रेमजाल में फंसाया और उसका शोषण किया.

बीते 20 मई को वह ट्रेन से लड़की को लेकर भाग निकला. इसके बाद यूपी के मुरादाबाद में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर परिसर के पास चल रहे बहुमंज़िला भवन के निर्माण‐स्थल पर मजदूरी करने लगा. आरोप है कि मौलाना उससे निकाह करने का दबाव बना रहा था.

बंगाल पुलिस ने की कार्रवाई

इधर इसे लेकर लड़की के पिता ने पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसे लेकर नक्सलबाड़ी थाना पुलिस लगातार मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसकी खोज कर रही थी. इसी बीच उसकी लोकेशन यूपी के मुरादाबाद में दिखाई दी. जानकारी पुख्ता होने पर दार्जिलिंग पुलिस अपनी टीम के साथ मुरादाबाद पहुंची.

इसके बाद टीम ने लोकल सिविल लाइंस थाने से कांटेक्ट किया. एसएचओ मनीष सक्सेना ने कैंप चौकी प्रभारी रोहित चौधरी के नेतृत्व में एक संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए दबिश दी और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. इसी जगह से किशोरी को भी बरामद किया गया. पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी यहां रहके मजदूरी का काम करता था.

मौलाना पर लगीं यें धाराएं

गिरफ्तारी के बाद दार्जिलिंग पुलिस ने अदालत से ट्रांजिट रिमांड लिया और उसी मौलाना को पश्चिम बंगाल भेज दिया. इधर पुलिस बयान दर्ज कराने और परिजनों को सौंपने के मकसद से नाबालिग को भी साथ ले गई है. लिए साथ ले जाया गया है. मामले में अपहरण, अनैतिक गतिविधियों और बाल यौन अपराध संरक्षण यानी POCSO की संगीन धाराएँ लगाई गई हैं.

मुरादाबाद पुलिस का कहना है कि उत्तर प्रदेश में मौलाना के खिलाफ कोई अलग से केस दर्ज नही हुआ है. इसलिए आगे की कानूनी कार्रवाई पूरी तरह से दार्जिलिंग की नक्सलबाड़ी अदालत में की जाएगी.