मेरठ में चौपाटी का मजा! MDA ने दो KM में बनाया फूड स्ट्रीट, घूमते-टहलते उठा सकेंगे खाने पीने का लुफ्त

मेरठ विकास प्राधिकरण (MDA) ने गंगानगर में नाले के किनारे 2 किमी पेडेस्ट्रियन फूड स्ट्रीट बनाया है. इसे निकट भविष्य में चौपाटी नाम देने की योजना है. इसमें 50 से अधिक दुकानें हैं, जो देश और दुनिया की नामचीन कंपनियों को आवंटित होंगी. इस फूड स्ट्रीट के शुरू होने के बाद लोगों को खाने पीने का लुफ्ट उठाने के लिए मॉल या फूड कोर्ट जाने की जरूरत नहीं रहेगी.

फाइल फोटो

बहुत जल्द आप मेरठ में चौपाटी का मजा ले सकेंगे. मेरठ विकास प्राधिकरण ने यह दो किमी लंबाई में पेडेस्ट्रियन फ्रेंडली फूड स्ट्रीट तैयार किया है. नाले किनारे ग्रीन बेल्ट पर मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा बनाए गए इस पेडेस्ट्रियन फ्रेंडली फूड स्ट्रीट का नामकरण भी चौपाटी करने की योजना है. यहां 40 से 50 दुकानें होंगी, जहां आप खूब आराम से घूमते टहलते विभिन्न व्यंजनों का लुफ्ट उठा सकते हैं. मेरठ विकास प्राधिकरण की इस महत्वाकांक्षी योजना में एक बड़ा रोड़ा भी है. अभी तक नाले से उठने वाले दुर्गंध का कोई उपाय नहीं ढूंढा जा सका है.

बता दें कि मेरठ के गंगानगर क्षेत्र में विकास कार्य काफी तेजी से हो रहे हैं. यहां पर सड़कों के अलावा मार्केट और आवासीय क्षेत्रों को योजनावद्ध तरीके से विकसित किया जा रहा है. मेरठ कमिश्नर चौक (साकेत चौक) से मवाना की तरफ जाने वाली सड़क पर भागवत लाइंस के बाद नाला क्रॉस करते ही गंगानगर विकसित किया गया है. यहां से गुजर रहे नाले के किनारे ग्रीन बेल्ट के नाम पर काफी जमीन छोड़ी गई थी. पिछले दिनों मेरठ विकास प्राधिकरण ने इसका जीर्णोद्धार कराया और इस स्थान पर पेडेस्ट्रियन फ्रेंडली फूड स्ट्रीट का निर्माण कराया है.

17 करोड़ की लागत से बना फूड स्ट्रीट

अधिकारियों के मुताबिक यह भविष्य का चौपाटी या कहें फूड कोर्ट है, जहां लोग घूमते-फिरते आएंगे और विभिन्न तरह के व्यंजनों का लुफ्त उठा सकेंगे. इसके लिए 2 किलोमीटर की स्ट्रीट में 50 से अधिक दुकानें बनाई गई हैं. करीब 17 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस पेडेस्ट्रियन-फ्रेंडली स्ट्रीट मार्केट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि लोग साइकिल या पैदल घूमते हुए भी यहां स्ट्रीट फूड का लुत्फ उठा सकेंगे.

नामचीन कंपनियों को मिलेंगी दुकानें

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यहां केवल देश और दुनिया के नामचीन कंपनियों को ही दुकान आवंटित किया जाएगा. इससे लोगों को खाने पीने के लिए महंगे मॉल या फूड कोर्ट में जाने की जरूरत नहीं रहेगी. बल्कि लोग यहां खुले आसमान के नीचे स्वाद के इंटरनेशनल रूप की अनुभूति कर सकेंगे. एमडीए के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की इस तरह का यह पहला मार्केट होगा. यहां लोगों को बैठकर खाने के अलावा पार्किंग की भी सुविधा मिलेगी.

नाले की दुर्गंध बड़ी अड़चन

एमडीए की इस महत्वाकांक्षी योजना में सबसे बड़ी अड़चन नाले की गंदगी और इससे उठने वाली दुर्गंध है. मेरठ विकास प्राधिकरण के द्वारा गंगानगर से गुजर रहे इस नाले का कलंक मिटाने के लिए ये फूट स्ट्रीट तो बना दी. इससे नाला तो ढक गया, लेकिन अभी भी इसकी दुर्गंध यहां खड़ा भी नहीं होने दे रही. हालांकि सौंदर्यीकरण के नाम पर इस स्ट्रीट के किनारे खूब पौधे लगाए गए है. लेकिन अभी तक भी इस योजना के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है. आरएफपी आने के बाद ही इस प्रोजेक्ट में कंपनियां बोली लगा सकती है.