नोएडा में कुलांचे भरेंगे दिल्ली और कानपुर के हिरण, सनसेट सफारी की भी सुविधा

नोएडा के सेक्टर 91 स्थित बायोडायवर्सिटी पार्क में प्रस्तावित डियर पार्क का काम शुरू हो गया है. इसमें दिल्ली, कानपुर और हैदराबाद के चिड़ियाघरों से 132 से अधिक हिरणों को यहां लाया जाएगा. पार्क में सनसेट सफारी की सुविधा भी होगी, जिसमें पर्यटक शाम को हिरणों को देख सकेंगे. इसके अलावा यहां एक कृत्रिम झील और रेस्क्यू सेंटर भी बनाया जा रहा है.

नोएडा डियर पार्क (सांकेतिक तस्वीर)


बहुत जल्द कानपुर, दिल्ली और हैदराबाद के चिड़ियाघरों में विचारण करने वाले हिरण नोएडा में कुलांचे भरते दिख जाएंगे. इन हिरणों के लिए नोएडा के सेक्टर 91 स्थित बॉयोडायवर्सिटी पार्क में डियर पार्क का निर्माण किया जा रहा है. 160 हिरणों की क्षमता वाले इस डियर पार्क में फिलहाल कानपुर और दिल्ली के चिड़ियाघरों से 40-40 हिरण लाने की योजना है. निकट भविष्य में यहां हैदराबाद और अफ्रीका से भी हिरण लाए जाएंगे. इनके लिए अभी से चार बड़े आकार के बाड़े बनाए जा रहे हैं. इन सभी बाड़ों की क्षमता 40-40 हिरण की होगी.

उद्यान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस डियर पार्क को सनसेट सफारी की तर्ज पर डवलप किया जा रहा है. इसमें लोग-बाग शाम को चार बजे से रात में दस बजे तक हिरणों को कुलांचे भरते देख सकेंगे. शाम ढलने के बाद यह मनमोहक दृष्य नजर आने के लिए इस डियर पार्क में विशेष प्रकार की लाइटें लगाई जा रहीं है, जो बिल्कुल प्राकृतिक और सनसेट के दृष्य का एहसास कराएंगी. इसके अलावा हिरणों के बाड़ों का निर्माण इस तरह से किया जा रहा है कि पर्यटक हिरणों को करीब से देख सकेंगे, बावजूद इसके उन्हें पता तक नहीं चलेगा.

10 प्रजातियों के 132 हिरणों का घर

उद्यान विभाग के निदेशक आनंद मोहन के मुताबिक इस डियर पार्क में 10 प्रजाति के लगभग 132 हिरणों का घर तैयार किया जा रहा है. इनमें तीन अफ्रीकन हिरणों की प्रजातियां शामिल हैं. हालांकि निकट भविष्य में हिरणों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है. कुछ हिरण हैदराबाद के चिड़याघर से भी यहां लाए जाने हैं. इसके अलावा यहां रेस्क्यू एवं पुर्नवास सेंटर भी बनाया जा रहा है. इसमें एयरपोर्ट या अन्य स्थानों से पकड़े जाने वाले जानवरों को रखा जाएगा.

जलीय जीवों के लिए कृत्रिम झील

यहां एक बड़ी सी झील बनाने की भी योजना है. यह एक सदाबहार झील होगी और 12 महीने पानी से लबालब रहेगी. इसमें विभिनन प्रकार की मछलियों के अलावा अन्य जलीय जीवों तथा जलीय पक्षियों को लाकर बसाया जाएगा. यह जलीय जीव देश के अलग अलग हिस्सों से रेस्क्यू कर यहां लाए जाएंगे. मिनी जू की तर्ज पर बनने वाला यह डियर पार्क करीब 30 एकड़ में फैला है और इसके निर्माण में करीब 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने की उम्मीद है.