मजदूर की बेटी का कमाल, जापानी भी हैरान! मॉडल देखने के लिए बुला लिया टोक्यो

बाराबंकी के गरीब से परिवार से आने वाली 9वीं की छात्रा पूजा ने एक ऐसा थ्रेशर मॉडल बनाया है, जो धूल से मुक्त है. इस मॉडल को जिला, मंडल और राष्ट्रीय स्तर पर चयनित किया गया था. अब पूजा 14 जून को जापान जाएगी और वहां पर टोक्यो के विश्वविद्यालयों और विज्ञान प्रयोगशालाओं का दौरा करेगी.

PUJA

बाराबंकी के एक छोटे गांव की छात्रा पूजा ने अपनी प्रतिभा से नई उपलब्धि हासिल की है. कक्षा 8 में पढ़ने के दौरान उन्होंने धूल रहित थ्रेशर का मॉडल बनाया. यह मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया. पूजा की इस उपलब्धि के लिए उन्हें जापान के टोक्यो विश्वविद्यालय और विज्ञान प्रयोगशालाओं में आमंत्रित किया गया है. वह 14 जून को जापान जाएंगी और वहां अपने मॉडल के बारे में विस्तार से बताएंगी. पूजा के इस मॉडल की चर्चा देश-विदेश में हो रही है.

दरअसल, पूजा ने धूल रहित थ्रेशर का मॉडल स्कूल में एक समस्या के समाधान के लिए बनाया था. स्कूल के पास थ्रेशर से गेहूं की मढ़ाई के दौरान उड़ने वाली धूल से बच्चों को परेशानी होती थी. उन्होंने टिन और पंखे से एक ऐसा मॉडल तैयार किया जो धूल को एक थैले में जमा करता है. इस मॉडल को बनाने में तीन हजार रुपए का खर्च आया. पूजा एक गरीब परिवार से आती हैं और उनके पिता पुत्तीलाल मजदूरी करते हैं और मां सुशीला देवी एक सरकारी स्कूल में खाना बनाती हैं.

आर्थिक तंगी के बावजूद पूजा ने कभी हार नहीं मानी और अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए कड़ी मेहनत की. अब उन्हें जापान जाने के लिए एक मोबाइल फोन गिफ्ट में दिया गया, जो उनके लिए बहुत बड़ा सम्मान है. दिसंबर 2020 में पूजा का मॉडल जिला और मंडल स्तर पर चुना गया. फिर लखनऊ की राज्यस्तरीय प्रदर्शनी में इसे राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित किया गया. दिल्ली में आयोजित प्रदर्शनी में भी इस मॉडल को सराहा गया.

वर्ष 2024 में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय विज्ञान मेले में भी इसका चयन हुआ. वर्तमान में जगदीशचंद्र फतेहराय इंटर कॉलेज में कक्षा 9 की छात्रा पूजा 14 जून को जापान जाएंगी. वहां वह अन्य भारतीय छात्रों के साथ टोक्यो की विश्वविद्यालयों और विज्ञान प्रयोगशालाओं का दौरा करेंगी. पूजा का यह मॉडल थ्रेशर मशीन से निकलने वाली धूल और गर्दे को रोकने में मदद करेगा.