बाइक के 2400, साइकिल के 1200… पार्किंग के नाम पर लूटने वाले ठेकेदार की रेलवे ने की छुट्टी

वाराणसी के बनारस रेलवे स्टेशन पर मनमाने ढंग से वसूले जा रहे पार्किंग शुल्क का मामला सामने आया है. जहां बाइक पार्किंग के लिए 2400 रुपए और साइकिल के लिए 1200 रुपए तक का शुल्क वसूला जा रहा था. एक समाजसेवी ने इस लूट का खुलासा करने के बाद रेलवे प्रशासन ने पार्किंग का ठेका रद्द कर दिया है और ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.

बनारस रेलवे स्टेशन (फाइल फोटो)

बनारस रेलवे स्टेशन यूपी का सबसे ज़्यादा पार्किंग शुल्क वसूलने वाला स्टेशन है. बनारस रेलवे स्टेशन पर जो लूट मची है उसको सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. बाइक की पार्किंग 24 घंटे के लिए 2400 रुपए और साइकिल की पार्किंग के 1200 रुपए तक मोटी रकम की वसूली हो रही है. जी, ये उत्तर प्रदेश का सबसे महंगा पार्किंग शुल्क वसूलने वाला स्टेशन है. हालांकि, अब जाकर रेलवे प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया है.

रेलवे प्रशासन ने मामला उजागर होने के बाद पार्किंग का ठेका निरस्त कर दिया है. साथ ही मनमाना पार्किंग वसूलने को लेकर ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज किया गया है. लेकिन ठेकेदार ने तब तक तो लाखों का वारा न्यारा कर ही लिया होगा! एक समाजसेवी ने इस लूट का खुलासा किया है. यह घटना उत्तर प्रदेश के सबसे महंगे पार्किंग शुल्क वाले स्टेशन के रूप में सामने आई है, जिससे यात्रियों में काफी रोष है.

समाजसेवी ने किया मामले का खुलासा

वाराणसी का बनारस रेलवे स्टेशन (पहले मंडुआडीह नाम )मॉडल स्टेशन के तौर पर डेवलप किया गया था. शिवगंगा, काशी विश्वनाथ, बनारस-नई दिल्ली सुपरफास्ट, बनारस-पुणे, बुंदेलखंड, बनारस-देहरादून और जनशताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें शामिल यहां से होकर चलती हैं. लेकिन किसी की भी नज़र इस लूट पर नहीं पड़ी. या यूं कहें कि किसी ने भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया.

लेकिन आज महमूरगंज के रहने वाले डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव की नज़र इस लूट पर पड़ी. उन्होंने रेल अधिकारियों को बताया कि प्लेटफार्म संख्या एक के पास बाइक पार्किंग का किराया 24 घंटे के लिए 2400 रुपये तय किया गया है, यानी प्रति घंटे 100 रुपये. वहीं, साइकिल के लिए 24 घंटे का किराया 1200 रुपये है. इसके अलावा, प्रथम और द्वितीय प्रवेश द्वार पर पार्किंग शुल्क में भी अंतर है, जो और भी हैरान करने वाला है.

रेलवे ने जांच कमेटी बनाई

डॉ. श्रीवास्तव का कहना है कि इतना ऊंचा किराया किसी भी रेलवे स्टेशन पर शायद ही देखने को मिले. उन्होंने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए रेलवे से तत्काल कार्रवाई की मांग की है. वहीं यात्रियों का कहना है कि यह दरें उनकी जेब पर भारी पड़ रही हैं और पार्किंग संचालकों की मनमानी से वे परेशान हैं. मामले में पूर्वोत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम शेख रहमान ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है और यह मामला गंभीर है.

इस मामले में रेलवे ने जांच कमेटी बनाई है और फिलहाल कुछ बड़े फैसले लिए हैं. पार्किंग शुल्क अधिक लिए जाने की शिकायत का संज्ञान लेते हुए रेलवे प्रशासन ने बनारस स्टेशन पर पार्किंग का ठेका निरस्त कर दिया गया है. अधिक पार्किंग शुल्क वसूली करने वाले ठेकेदार के कर्मचारी के विरुद्ध FIR दर्ज करा दी गई है. साथ ही बनारस रेलवे स्टेशन पर तैनात उत्तरदायी कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जा रही है.